कोरोना वायरस से निपटने में लगे नेपाल ने विदेशी नागरिकों के लिए अपने दरवाजे किये बंद
गोरखपुर। कोरोना वायरस से निपटने में लगे नेपाल से विदेशी नागरिकों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। इस बीच शनिवार रात बारह बजे से भारत-नेपाल सीमा को सील कर दी गई, हलांकि भारत और नेपाल के नागरिकों को इससे छूट मिली है। नेपाल के नागरिक भारत और भारत के नागरिक नेपाल आ और जा सकते हैं।
भारत-नेपाल और भूटान के नागरिकों को राहत भारत-नेपाल सीमा पर विदेशियों के प्रवेश पर प्रतिबंध के बाद से सोनौली बार्डर से विदेशियों के नेपाल और भारत में प्रवेश पर रोक लगा दिया गया। नेपाल में भारतीय नागरिकों के अलावा किसी भी विदेशी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। भारत की तरफ से नेपाल व भूटान को छोड़ किसी भी देश के नागरिक को प्रवेश अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि दोनों देशों के प्रतिबंध आदेशों की अवधि अलग-अलग है। भारतीय आव्रजन विभाग के अनुसार अब तक आए आदेशानुसार विदेशियों पर 15 अप्रैल तक रोक रहेगी। नेपाल के आव्रजन अधिकारी गिरिराज खनाल का कहना है कि 15 मार्च से 30 मार्च तक भारतीयों को छोड़ सभी विदेशी नागरिकों के नेपाल में प्रवेश प्रतिबंध के आदेश दिए गए हैं।
पासपोर्ट ब्लैक लिस्टेड होने पर ध्यान पर बैठा नार्वे का नागरिक सोनौली सीमा पर विदेशियों पर लगे प्रतिबंध और भारत-नेपाल आव्रजन कार्यालयों में प्रतिबंध के समयांतराल के चलते नार्वे का एक नागरिक शनिवार को सीमा पर फंस गया। अंततः आव्रजन विभाग को उसका पासपोर्ट ब्लैक लिस्टेड करना पड़ा। इस विषम परिस्थिति को देख नार्वे का नागरिक आव्रजन कार्यालय के पास ध्यान मुद्रा में बैठ गया। वह अपने को शिवभक्त बता रहा है। मिकेल चिलाहुईल (40 वर्ष) करीब तीन माह से तमिलनाडु में रह रहा था। शुक्रवार को वह सोनौली सीमा पर पहुंचा और नेपाल जाने का डिपार्चर ले लिया। शनिवार की सुबह वह पुनः सोनौली आव्रजन कार्यालय पर आया और भारत प्रवेश की अनुमति मांगने लगा। लेकिन शुक्रवार की शाम से लागू हुए प्रतिबंध आदेश के कारण उसे अनुमति नहीं मिली। नार्वे निवासी का कहना था कि उसका सभी सामान तमिलनाडु में है। वह नेपाल नहीं जाएगा। जिस पर आव्रजन अधिकारियों ने उसके पासपोर्ट के ब्लैक लिस्ट करने की प्रकिया शुरू कर दी। आव्रजन अधिकारी ने बताया कि अगर नार्वे निवासी शुक्रवार को ही वापस आया होता तो उसका डिपार्चर कैंसिल हो जाता। लेकिन वह एक दिन बाद आया है और उसने नेपाल से डिपार्चर भी ले लिया है। ऐसे में उसके पासपोर्ट को ब्लैक लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
प्रतिबंध के बाद भटकते रहे विदेशी पर्यटक सोनौली आव्रजन कार्यालय द्वारा शुक्रवार की शाम पांच बजे के बाद विदेशी नागरिकों (नेपाल-भूटान छोड़ कर ) के भारत प्रवेश पर रोक लगा दी गई। वहीं नेपाल के बेलहिया आव्रजन कार्यालय द्वारा विदेश के नागरिकों पर प्रतिबंध आदेश शनिवार की रात 12 बजे के बाद लागू किए जाएंगे। इस समयांतराल के कारण कई विदेशियों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। बेलहिया आव्रजन अधिकारी गिरिराज खनाल ने बताया कि शनिवार की रात 12 बजे के बाद सभी विदेशियों (भारत छोड़ कर ) के प्रवेश पर रोक लगाई जाएगी।
प्रतिबंध के बाद सोनौली सीमा पर सन्नाटा विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के कारण रविवार को सोनौली सीमा पर सन्नाटा पसरा रहा। रविवार को सोनौली व नेपाल के बेलहिया में भारत व नेपाल के नागरिकों के अलावा कोई भी विदेशी नजर नहीं आया। भारत-नेपाल के बीच चलने वाली मैत्री बस का संचालन जारी है। नेपाल के बेलहिया स्थित आव्रजन विभाग के अधिकारी गिरिराज खनाल का कहना है कि रविवार से सभी विदेशी नागरिकों (भारत को छोड़) के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। नेपाल-भारत मैत्री बस संचालन जारी रहेगा। कोरोना वायरस के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
विदेश से लौटे 20 लोगों को ढूंढ रहा स्वास्थ्य महकमा विदेश से महराजगंज आए 52 यात्रियों की सूची शासन ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपी है। इसमें 32 यात्री म्यांमार के लिए रवाना हो गए हैं, लेकिन 20 यात्री अभी भी महराजगंज में हैं। स्वास्थ्य विभाग इनकी तलाश में जुटा है। कोरोना को लेकर पूरे प्रदेश में काफी सतर्कता बरती जा रही है। शासन-प्रशासन अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट मिली है कि दुबई, सिंगापुर, मलेशिया, कुवैत, बैंकाक, रियाद व म्यांमार से 52 यात्री नौ मार्च को लखनऊ एयरपोर्ट से उतर कर महराजगंज के लिए रवाना हुए हैं। शासन से सूची मिलते ही स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है। चिकित्साधिकारी व चिकित्सा अधीक्षक के माध्मय से तलाश शुरू करा दी। इनमें 32 का लोकेशन ट्रेस भी हो गया है। लेकिन शेष 20 लोगों की तलाश में स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी जुटे हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आइए अंसारी ने कहा कि सूची मिली है। 32 यात्री म्यांमार के लिए निकले हैं। अभी वह गया तक पहुंचे हैं । शेष यात्रियों की तलाश के लिए रैपिड स्पांस टीम लगाई गई है। यात्री चिन्हित होते ही उन्हें घर में ही सुरक्षा प्रदान करते हुए निगरानी रखी जाएगी। उनके बारे में पूरी जानकारी एकत्रित की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर उनकी जांच भी की जाएगी।