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सोमवार को राज्यसभा में एक और बड़ा ही रोचक वाकया देखने को मिला जब सवाल पूछने वाले करीब आधे सदस्य ही सदन से थे गायब

नई दिल्ली । संसद की चर्चाओं से सांसदों की बेरुखी को लेकर वैसे तो सदैव ही सवाल खड़े होते रहे है, लेकिन सोमवार को राज्यसभा में एक और बड़ा ही रोचक वाकया देखने को मिला, जब सवाल पूछने वाले करीब आधे सदस्य ही सदन से गायब थे। इसके चलते प्रश्नकाल को तय समय से पांच मिनट पहले खत्म करना पड़ा। आखिरकार सासंदों के इस रवैए को लेकर सभापति वैंकेया नायडू ने नाखुशी जताई और कहा कि यह गंभीर बात है। राज्यसभा में यह स्थिति उस समय दिखी, जब प्रश्नकाल में ज्यादा से ज्यादा सवालों को सूचीबद्ध किए जाने को लेकर काफी दबाव है। बावजूद इसके पिछले हफ्ते में दो दिन ही ऐसे आए, जब सूचीबद्ध किए गए सभी सवाल हो पाए थे।

      राज्यसभा में सोमवार को भी एक घंटे तक चलने वाले प्रश्नकाल के लिए कुल 15 सदस्यों के सवालों को सूचीबद्ध किया गया था। जो रक्षा, वन एवं पर्यावरण, सड़क परिवहन और राजमार्ग, भारी उद्योग जैसे मंत्रालयों से जुड़े थे। लेकिन जब सवाल पूछने की बारी आयी, तो देखा गया कि 15 में सात सदस्य सदन से उस समय अनुपस्थित थे। लिहाजा वह सवाल नहीं हो पाए।ऐसे में सदन के प्रश्नकाल को एक बजने से पांच मिनट पहले ही समाप्त करना पड़ा। हालांकि, अमूमन ऐसा होता नहीं है, कि सदन के प्रश्नकाल को सवालों के न होने के चलते पहले ही खत्म करना पड़ा। सभापति नायडू इतने नाराज दिखे कि उन्होंने उन सभी सदस्यों के नाम समाचारपत्रों में छपने की इच्छा जताई, ताकि जनता अपने जनप्रतिनिधि को समझ पाएं। दरअसल, किसी भी सवाल पर तभी जवाब हो पाता है जब मूल प्रश्नकर्ता मौजूद हों। वरना किसी भी भी सदस्य को इसका अवसर नहीं मिलता है।

प्रश्नकाल के दौरान यह सदस्य रहे अनुपस्थित  राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जो सदस्य अनुपस्थित थे, उनमें टीआरएस के धर्मपुरी श्रीनिवास, सपा के रवि प्रकाश वर्मा, कांग्रेस के रोनाल्ड सपा लाऊ, टीएमसी के मोहम्मद नदीमुल हक, सीपीआई के बिनोय विस्वम, कांग्रेस के पी भट्टाचार्य और एआईडीएमके की डा शशिकला पुष्पा रामास्वामी शामिल थी।

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