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महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने के लिए किया आमंत्रित

मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फड़नवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण भेजा है। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार का कहना है कि रविवार को कोर कमेटी की बैठक के बाद राज्यपाल को बताएगी कि वह सरकार बनाना चाहती है, या नहीं।

राज्‍यपाल ने देवेंद्र फड़नवीस को पत्र भेजा  राजभवन की ओर से शनिवार देर शाम जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्यपाल की ओर से भाजपा विधायक दल के नेता देवेंद्र फड़नवीस को पत्र भेजकर पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाने के इच्छुक हैं। राजभवन की विज्ञप्ति के अनुसार 21 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव होने और 24 अक्तूबर को चुनाव के परिणाम आने के 15 दिन बाद तक भी किसी दल की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया गया है। तब राज्यपाल ने स्वयं सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशनी शुरू की हैं। इसी क्रम में उनकी ओर से सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का निमंत्रण भेजा गया है। बता दें कि भाजपा-शिवसेना ने चुनाव पूर्व गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें प्राप्त हुई हैं। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करने के कारण दोनों दलों के बीच तनातनी का दौर चल रहा है। शिवसेना के समर्थन के बगैर भाजपा अल्पमत सरकार न बनाने की घोषणा कर चुकी है।

दूसरे विकल्‍प के रूप में शिवसेना को मिलेगा निमंत्रण  दूसरी ओर शिवसेना भी भाजपा के अलावा दूसरे विकल्प खुले रखने की बात कर रही है। इस बीच राज्यपाल शुक्रवार को ही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में वैकल्पिक व्यवस्था होने तक मुख्यमंत्री का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी दे चुके हैं। आज राजभवन से भाजपा को सरकार बनाने का निमंत्रण मिलने के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बयान दिया है कि रविवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में तय किया जाएगा कि भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी या नहीं। बता दें कि यदि भाजपा सरकार बनाने का दावा करती है तो राज्यपाल भाजपा की अल्पमत सरकार को शपथ दिलाकर उसे बहुमत सिद्ध करने के लिए कुछ दिनों का मौका दे सकते हैं। यदि भाजपा अपने पुराने निर्णय के अनुसार सरकार बनाने से इंकार कर देती है, तो राज्यपाल के पास दूसरे सबसे बड़े दल, यानी शिवसेना को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देना पड़ेगा। शिवसेना पहले से ही 170 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करती आ रही है।

सरकार बनाना आसान नहीं  लेकिन सरकार बनाना शिवसेना के लिए भी आसान नहीं होगा। क्योंकि राज्यपाल उससे कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी मांग सकते हैं, अथवा उससे भी आगे उसे समर्थन कर रहे विधायकों की राजभवन में प्रत्यक्ष परेड करवाने को कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में शिवसेना के पास दोनों विपक्षी दलों कांग्रेस और राकांपा के विधायकों का समर्थन जरूरी होगा। यदि शिवसेना यह शर्त पूरी न कर सकी तो राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के सिवाय और कोई विकल्प नहीं बचेगा। हालांकि राष्ट्रपति शासन छह माह से तीन साल तक लगाया जा सकता है। लेकिन इसके बीच में यदि कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने लायक विधायकों के समर्थन के साथ पुनः राज्यपाल के पास दावा करे, तो राज्यपाल उसे सरकार बनाने का मौका दे सकते हैं।

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