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स्वच्छ भारत अभियान का ही हिस्सा होगी प्लास्टिक के खिलाफ दो अक्टूबर से शुरू होने वाला देशव्यापी अभियान

नई दिल्ली। एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ दो अक्टूबर से देशव्यापी अभियान शुरु हो जाएगा। फिलहाल यह मुहिम स्वच्छ भारत अभियान का ही हिस्सा होगी। जिसे लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। साथ इससे दुष्प्रभावों को लेकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने पर जोर दिया है। खासबात यह है कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ही देश भर में साफ-सफाई और शौचालय बनाने जैसी मुहिम शुरु की गई थी।

अभियान के तीन पड़ाव  केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव सी के मिश्रा ने सोमवार को इसकी तैयारियों से जुड़ी जानकारी दी। साथ ही बताया कि इस पूरे अभियान के तीन पड़ाव होंगे। इनमें पहला इसके दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करना होगा। दूसरा इसकी जगह लोगों को इको-फ्रेंडली विकल्प मुहैया कराना है। जबकि इसका तीसरी सबसे अहम पड़ाव री-साइक्लिंग होगी। इसके लिए सभी राज्यों और नगर निगमों को विशेष निर्देश दिए गए है।

अभियान में प्रत्येक प्लास्टिक के री-साइक्लिंग पर रहेगा फोकस  दो अक्टूबर से शुरु होने वाली मुहिम के तहत देश भर से एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक को संकलित किया जाएगा। बाद में इन्हें सीमेंट फैक्ट्रियों के माध्यम से जलाकर नष्ट किया जाएगा।

प्लास्टिक के खिलाफ देश भर में मुहिम  एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के खिलाफ देश भर में यह मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से किए किए गए ऐलान के बाद शुरू की गई है। जिसमें उन्होंने सभी लोगों से इसका इस्तेमाल न करने का अपील की थी। वैसे भी एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक को लेकर यह अभियान इसलिए भी अहम है, क्योंकि इसके इस्तेमाल से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे है। यह इसलिए भी भयावह है कि क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में देश में मौजूदा समय में हर दिन करीब 26 हजार टन प्लास्टिक इस्तेमाल में लिया गया है।

जलवायु परिवर्तन पर मंथन करने जुटे 65 से ज्यादा देश  जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया भर के 65 से ज्यादा देशों की एक अहम बैठक सोमवार को दिल्ली में शुरु हुई है। इंटर-गर्वनेंटमेंट पैनल (आईपीसीसी) की इस बैठक में यह सभी देश जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ रहे तापमान से निपटने के लिए चर्चा करेंगे। इनमें इन सभी देशों के वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल है। यह बैठक चार अक्टूबर तक चलेगी। बता दें कि यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ से जुड़ी ही है, जो पर्यावरण के क्षेत्र में काम करती है। इस दौरान जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भावी रोडमैप को लेकर भी चर्चा होगी।

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