Uttarakhand

उत्तराखण्ड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने अधिकारियों से बच्चों के अधिकारों के प्रति सजग होकर पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य करने को कहा

नैनीताल। उत्तराखण्ड बाल संरक्षण अधिकार आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने गुरूवार को नैनीताल क्लब में अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि अधिकारी बच्चों के अधिकारों के प्रति सजग होकर अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि जनपद में लिंगानुपात, कुपोषित बच्चों, दिव्यांग बच्चों को लाभांवित करें साथ ही नशाखोरी पर पूर्ण लगाम लगायें।
       श्रीमती नेगी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि वे गरीब पात्र बच्चों को नियमानुसार आरटीई के अन्तर्गत विद्यालयों में प्रवेश दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट विद्यालय आरटीई के अन्तर्गत गरीब बच्चों को पढ़ाई की सुविधा नहीं देंगे या दुव्र्यवहार करेंगे तो उनके खिलाफ आयोग द्वारा सख्त कार्यवाही की जायेगी।  उन्होंने प्राईवेट विद्यालयों मंे बच्चों के साथ होने वाले व्यवहार व उनके द्वारा ली जा रही नाजायज फीस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को विद्यालयों का निरीक्षण एवं अभिभावकों से संवाद कर रिपोर्ट आयोग में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता व नैतिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये ताकि बच्चे गलत राह पर न जा सकें। उन्होंने कहा कि जनपद के आवासीय विद्यालयों में मानकों के अनुपालन का भी निरीक्षण किया जाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों एवं बच्चों को प्रताड़ना कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने विद्यालयों में नशा व सड़क सुरक्षा जागरूकता कैम्प लगाने के निर्देश दिये साथ ही स्कूली वाहनों में ओवर लोडिंग पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाये, जो स्कूली वाहन ओवर लोडिंग करते हुए पाए जाते हैं, उन्हें मौके पर सीज करते हुए सम्बन्धित विद्यालय की मान्यता भी रद्द करने की कार्यवाही भी की जाये। उन्होंने कहा कि जो शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूल अब बन्द हो चुके हैं, उनकी सूची आयोग को उपलब्ध करायें ताकि उनमें बाल गृहों की स्थापना की जा सके। उन्होंने समाज कल्याण, किशोर न्याय बोर्ड, चाईल्ड हैल्प लाईन, बाल श्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि बच्चों के लिए संचालित योजनाओं को सभी विभाग मिलकर धरातल पर उतारें व वास्तविक पात्र बच्चों को लाभ पहुॅचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने दिव्यांग, बाल श्रम करने वाले बच्चों, भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को शिक्षा व समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के निर्देश देते हुए कहा कि किशोर न्याय बोर्ड में चल रहे किशोरों के मामलों को निस्तारित करने में तेजी लायें तथा निस्तारित मामलों की सूची आयोग को भी उपलब्ध कराना सुनिश्चि करें। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने लिंगानुपात को बढ़ाने के साथ ही कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम मे तहत प्रत्येक विद्यालय व आंगनबाड़ी में जाकर बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने, निःशुक्ल दवाईयाॅ उपलब्ध कराने के साथ ही गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चों को उच्च चिकित्सालयों में उपचार हेतु भेजने के निर्देश भी दिये। उन्होंने जनपद में चल रहे 108 वाहनों के वाहन चालकों का पुलिस सत्यापन कराने के साथ ही 108 सेवा में पर्याप्त पैरामेडिकल स्टाफ रखने के भी निर्देश दिये, साथ ही जननी सुरक्षा योजना, खुशियों की सवारी, नियमित टीकाकरण की भी जानकारियाॅ ली।
उन्होंने पुलिस विभाग को जनपद में एक चाईल्ड फ्रैण्डली थाना संचालित करने के निर्देश दिये साथ ही नशा मुक्ति अभियान चलाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी को नियमित बच्चों की माप-तौल कराने के साथ ही संतुलित आहार बच्चों को उपलब्ध कराने एवं नन्दा-गौरा योजना के अन्तर्गत पात्र शतप्रतिशत बालिकाओं को लाभांवित करने के निर्देश दिये। बैठक में बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या सीमा डोरा, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.भारती राणा, एसीएमओ डाॅ.टीके टम्टा, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमन अनिरूद्ध, सीओ विजय थापा, डीपीओ अनुलेखा बिष्ट, प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, एआरटीओ गुरूदेव सिंह, विमल पाण्डे, श्रम अधिकारी मीनाक्षी काण्डपाल के अलावा कंचन भण्डारी, हेमा कबडवाल, आरपी पन्त आदि मौजूद थे।

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