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दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए ‘मुफ्त यात्रा योजना’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो में महिलाओं के लिए ‘मुफ्त यात्रा योजना’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार की इस योजना से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को घाटा हो सकता है। यहां पर बता दें कि महिलाओं को मेट्रो व बसों में मुफ्त सफर योजना को दिल्ली सरकार जल्द से जल्द लागू करना चाहती है।  इसमें मेट्रो ने दो तरह के तरीकों पर चर्चा की थी। पहला यह कि महिलाएं मेट्रो में टोकन व कार्ड से भी यात्रा कर सकेंगी, जबकि दूसरा तरीके में केवल टोकन का ही विकल्प बताया था। इसी प्रस्ताव पर सरकार राजी है। इस योजना के लिए गुलाबी रंग के टोकन जारी किए जाएगे। महिलाओं के प्रवेश के लिए अलग से गेट बनाए जाएंगे। यही नहीं इसके लिए डीएमआरसी को सॉफ्टवेयर में भी कोई खास बदलाव नहीं करना होगा।

ई श्रीधरन ने भी किया था विरोध इससे पहले जून में मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सफर की योजना को मंजूरी नहीं देने की अपील की थी। मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर की योजना का विरोध करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वह दिल्ली सरकार की इस योजना से सहमत न हों। श्रीधरन ने पत्र में लिखा, ‘ जब तक दिल्ली मेट्रो का 35 हजार करोड़ कर्ज खत्म नहीं हो जाता तब तक मुफ्त यात्रा पर उन्हें आपत्ति है। उन्होंने कहा कि अगर अगर महिलाओं कोमुफ्त में सफर करने की इजाजत दी गई तो समाज के अन्य वर्गों के लोग जैसे कि दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक जैसे कई जरुरतमंद लोग भी फ्री में सफर करने की मांग करने लगेंगे। मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर को लेकर मेट्रोमैन ई श्रीधरन की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मेट्रो मैन को एक पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि मेट्रो में दिल्ली सरकार की तरफ से महिलाओं की मुफ्त यात्रा का खर्च उठाए जाने का आपने जो विरोध किया है उससे मैं चकित हूं। फ्री यात्रा योजना का जो आपका विचार है वह दिल्ली सरकार के प्रति आपकी गलतफहमी को दर्शाता है।

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