Uttarakhand

अस्पताल में गुटका थूके जाने और गन्दगी पाये जाने पर जताया रोष

रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। डीएम के निरीक्षण से अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। प्रसबसे पहले डीएम ने इमरजेन्सी वार्ड का निरीक्षण किया। एमरजेन्सी में भर्ती मरीजों के संबंध में जानकारी प्राप्त की और इमरजेन्सी में तैनात डाॅक्टर को पंजिका में नियमानुसार प्रविष्टियां करने के निर्देश दिये। इसके बाद जिलाधिकारी ने जनरल ओपीडी काउन्टर एवं आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के कार्ड पंजीकरण काउन्टरों का निरीक्षण किया, जिसमें काउन्टर पर तैनात कर्मियों को नियम के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने चिकित्सालय के सभी वार्डों, चिकित्सा अधिकारियों के कक्षों, शौचालयों का विस्तृत रूप से लगभग ढाई घण्टे तक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने मरीजों एवं तीमारदारों के प्रतीक्षा कक्ष एवं बरामदे में बैठने के स्थान पर लगे हुए पंखे को ठीक करने के लिए सीएमएस को निर्देश दिये। साथ ही भूतल, प्रथम तल एवं द्वितीय तल पर बैठने के लिए स्थापित कुर्सियांे पर पेंट उखड़ा पाया गया, जिस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस को तत्काल पेंट करवाने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अस्पताल में आये मरीजों एवं उनके तीमारदारों से भी वार्ता कर उनका हाल-चाल पूछा गया, जिस पर किसी भी मरीज ने कोई शिकायत नहीं की गयी। जिलाधिकारी ने कुछ वार्डों तथा डाॅक्टर के कक्ष में फर्स पर मैंटिंग करने, पुराने टेबिल एवं कुर्सियों को बदलने एवं बाल रोग विशेषज्ञ के कक्ष की दीवारों पर किया गया पेंट उखड़ा हुआ पाया गया, जिसके लिए भी निर्देश दिये गये। चिकित्सालय के कुछ वार्डों में साफ-सफाई सही पायी गई, जिस पर जिलाधिकारी ने संतोष व्यक्त किया, लेकिन कतिपय स्थानों जैसे सीढ़ियों के बगल पर पान-गुटका थूके जाने पर गन्दगी पाये जाने पर असंतोष व्यक्त किया गया। सीएमएस को निर्देश दिये गये कि इस स्थान की उचित ढंग से साफ-सफाई करवाकर उस स्थान पर एल्मुमिनियम का पार्टिसन किया जाय, ताकि कोई भी व्यक्ति इस स्थान पर गंदगी न कर सके। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने साफ-सफाई के संबंध में सम्पूर्ण जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया, जिसमें कई जगहों पर सफाई कर्मियों द्वारा उचित ढंग से साफ-सफाई न किये जाने, समय-समय पर फर्स पर फिनाइल का पोंछा न लगाये जाने पर सफाई ठेकेदार और नोडल अधिकारी सफाई को कड़ी फटकार लगाई गई तथा निर्देश दिये गये कि भविष्य में साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया जाए। इसके साथ ही औषधि वितरण काउन्टर का निरीक्षण किया गया। फार्मासिस्ट द्वारा अवगत कराया गया कि कतिपय दवाईयां चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को मानसून अवधि के दृष्टिगत तत्काल औषधियां क्रय करने के निर्देश दिये गये। स्टाॅफ नर्स की कमी के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने सीपीएस के माध्यम से दो स्टाॅफ नर्सों की तैनाती के भी निर्देश दिये। इसके साथ ही महिला नर्सों द्वारा प्रसूति महिलाओं से प्रसव के उपरांत पारितोषिक स्वरूप पैंसे लिये जाने की शिकायतों को गम्भीरता से लेकर भविष्य में इस प्रकार का कार्य न करने के निर्देश दिये गये। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य औषधि भण्डार का भी निरीक्षण किया। इसमें जिलाधिकारी ने फोलिस एसिड टेबलेट की उपलब्धता के संबंध में स्टाॅक रजिस्टर का निरीक्षण किया। साथ ही ई-औषधि साफ्टवेयर से इसका मिलान करने पर काफी भिन्नता आने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य फार्मासिस्ट को औषधियों का नियम के अनुसार लेखा-जोखा रखने के निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी ने होम्योपैथी चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में मात्र एक कार्मिक उपस्थित पायी गई। फार्मासिस्ट का अवकाश पर होना अवगत कराया गया। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एसकेझा, प्रभारी सीएमएस डाॅ दिग्विजय सिंह रावत, यशवंत सिंह नेगी उपस्थित थे।

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