AAP नेता कपिल मिश्रा की विधानसभा की सदस्यता निरस्त होने के बाद दिल्ली में राजनीति भी शुरू हो गई
नई दिल्ली। काफी समय से आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) खिलाफ बोल रहे बागी AAP नेता कपिल मिश्रा की विधानसभा की सदस्यता निरस्त होने के बाद दिल्ली में राजनीति भी शुरू हो गई है। कपिल मिश्रा की सदस्यता जाने पर मनोज तिवारी के बयान के बाद अब AAP ने उन पर निशाना साधा है।
AAP के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मनोज तिवारी बहुत कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भाजपा नेतृत्व कपिल मिश्रा को औपचारिक रूप से शामिल करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसा इसीलिए है, क्योंकि अमित शाह दिल्ली विधानसभा में अपनी टेलीफोनिक रिकॉर्डिंग चलाने के लिए कपिल मिश्रा से बहुत नाराज हैं। साथ ही सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कपिल मिश्रा अपने करावल नगर इलाके से फरार हो गए हैं। वह कोई और विधानसभा क्षेत्र ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन कोई भी पार्टी उन्हें शामिल नहीं करेगी। यहां पर पता दें कि आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) के विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई के दौरान बागी विधायक कपिल मिश्र ने अपना पक्ष रखा था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में प्रशांत भूषण व कुमार विश्वास सहित आम आदमी पार्टी से जुड़े छह बड़े नेताओं की गवाही दिलाने के अवसर देने की मांग की थी। कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि अगर उनके ऊपर भाजपा से साठगांठ का आरोप है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कई राजनीति दलों के चुनावी मंच साझा किए थे, इसलिए मुख्यमंत्री पर भी इसी कानून के तहत त्वरित कार्रवाई होने चाहिए। उन्होंने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि याचिका में दिए गए सभी सबूतों की प्रति भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
आम आदमी पार्टी में नहीं बचा है आंतरिक लोकतंत्र: मनोज तिवारी आम आदमी पार्टी के बागी कपिल मिश्रा की विधानसभा सदस्यता खत्म किए जाने को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल पर निशाना साधा है। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि AAP में लोकतंत्र और भ्रष्टाचार के खिलाफ जिसने भी आवाज उठाई उसको अरविंद केजरीवाल ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। आप ‘वन मैन शो’ की तरह राजनीति करने वाला दल है, जिसका देश की राजनीति में अब कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि जब कपिल मिश्रा ने उनकी सियासत की ईंट से ईंट बजा दी थी, तब वह मौन क्यों साधे हुए थे? विधानसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल अपने खिसकते जनाधार को बचाने के लिए हर वो काम कर रहे हैं, जो संवैधानिक पद पर बैठे हुए एक व्यक्ति को नहीं करना चाहिए।
पीएम मोदी के लिए सौ बार विधायक की कुर्सी कुर्बान : कपिल मिश्र वहीं, विधानसभा की सदस्यता निरस्त करने के आदेश के बाद कपिल मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पीएम मोदी के लिए अभियान चलाने पर एक बार क्या, सौ बार विधायक की कुर्सी कुर्बान है। लोकसभा चुनाव के दौरान एक तरफ देशभक्त और दूसरी तरफ टुकड़े- टुकड़े गैंग खड़ा था। मैं सारी दिल्ली के साथ खड़ा था, परिणाम सामने है। लोकसभा चुनाव में उन्होंने सातों सीटों पर मोदी के लिए अभियान चलाया था और अब विधानसभा चुनाव में 60 सीटों पर अभियान चलाऊंगा। कपिल मिश्रा ने कहा कि जिस प्रकार से इस पूरे मामले की सुनवाई की गई। आधी सुनवाई के बीच में फैसला सुनाया गया और मुझे कोई भी गवाह व तथ्य रखने की अनुमति नहीं दी गई। यह पूरी तरह कानून व विधानसभा का मजाक उड़ाया गया है। जिस प्रकार कानूनी प्रक्रियाओं की धज्जियां उड़ाई गईं वह लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार हुआ है।