आम आदमी पार्टी सरकार की मुफ्त मेट्रो एवं बस योजना को लागू करने पर सरकार पर प्रति वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये का पड़ेगा बोझ
नई दिल्ली। Delhi Metro free rides for women: दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAM AADMI PARTY) सरकार की मुफ्त मेट्रो एवं बस योजना को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने ट्वीट कर कहा कि योजना आयोग की पूर्व प्रमुख सलाहकार रेणुका विश्वनाथन ने महिलाओं के लिए मुफ्त मेट्रो योजना को लेकर मेट्रो-मैन ई श्रीधरन की शंकाओं का जवाब दिया है।
मुफ्त योजना को योजना आयोग की पूर्व सलाहकार ने सराहा रेणुका ने कहा, हमें सिखाया गया था कि सब्सिडी खराब है, क्योंकि वह बाजार की कीमतों को विकृत करती हैं, लेकिन सब्सिडी समाज के कमजोर समूह को सशक्त भी कर सकती है और बाजार की विकृतियों को सही करके प्रोत्साहन दे सकती है। उन्होंने आगे लिखा कि मैंने देखा है कि ब्राजील जैसे देशों में कुछ समूहों के लिए बसों में मुफ्त यात्रा है। दिल्ली में भी सरकार ने महिलाओं के लिए यह घोषणा करके जता दिया कि सशक्तीकरण की दिशा में मोबिलिटी कितनी अहम है। मेरी दृष्टिकोण में जिस महिला के पास पैसा नहीं है और वह भ्रमण के लिए स्वतंत्र नहीं है तो वह सशक्त नहीं है। महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा कुछ असंतुलनों को नष्ट करेगी। लेकिन, हम में से जो लोग बस यात्र के लिए भुगतान करना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। …पर श्रीधरन के विचार तभी काम करेंगे जब हमारे पास एक ऐसा समाज होगा जहां महिलाओं को समान माना जाता है। यहां पर बता दें कि पिछले सप्ताह अरविंद केजरीवाल सरकार की दिल्ली मेट्रो में महिलाओं की मुफ्त सफर की योजना को लेकर दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख ई. श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर की योजना का विरोध करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह दिल्ली सरकार की इस योजना से सहमत न हों। केजरीवाल की मुफ्त यात्रा योजना को नुकसानदायक बताते हुए मेट्रो मैन के नाम से मशहूर श्रीधरन ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली मेट्रो केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार का ज्वाइंट वेंचर है, इसलिए कोई भी सरकार एकतरफ मेट्रो में मुफ्त सफर का निर्णय नहीं ले सकती।
10 जून को लिखा पत्र दिल्ली मेट्रो के पूर्व प्रमुख ई. श्रीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पत्र दस जून को लिखा था। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि जब दिल्ली में मेट्रो शुरू की गई थी तो यह निर्णय लिया गया था कि मेट्रो के किराये में किसी को छूट नहीं दी जाएगी। यहां तक कि जब 23 दिसंबर 2002 में शाहदरा से कश्मीरी गेट तक जब पहली बार मेट्रो चली थी तो खुद मौजूदा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने टिकट लेकर मेट्रो में सफर किया था।
इसलिए फ्री यात्रा का विरोध कर रहे हैं श्रीधरन प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में श्रीधरन ने बताया कि मेट्रो के सभी स्टाप यहां तक कि मैनेजिंग डायरेक्टर भी जब यात्रा करते हैं को वे टिकट खरीदते हैं। दिल्ली में इस योजना को लागू करने से एक हजार करोड़ रूपये का सालाना खर्चा आएगा और जैसे-जैसे मेट्रो का विस्तार होगा वैसे-वैसे यह बढ़ता ही जाएगा। श्रीधरन ने कहा कि अगर महिलाओं को मुफ्त में सफर करने की योजना को लागू किया गया तो समाज के अन्य वर्ग के लोग भी फ्री में सफर करने की मांग कर सकते हैं। जैसे कि दिव्यांग और सीनियर सिटिजन भी अपने लिए रियायत की मांग कर सकते हैं।
केजरीवाल सरकार दो दी सलाह ई. श्रीधरन ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार महिलाओं की मदद करना चाहती है तो उनका सुझाव है कि इनके खाते में सीधे सब्सिडी दिया जा सकता है।
डीटीसी बस और मेट्रो में मुफ्त यात्रा का केजरीवाल ने किया था ऐलान बता दें कि बिजली हाफ और पानी माफ योजना को सफलतापूर्वक संचालित करने के बाद अब दिल्ली सरकार महिलाओं को मेट्रो और सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कराने जा रही है। इस बाबत पिछले दिनों दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बाकायदा पत्रकार वार्ता करके एलान भी किया था। ऐसे में आने वाले समय में दिल्ली में मेट्रो व बसों में यात्रा करने के लिए महिलाओं को टिकट नहीं लेना पड़ेगा। कोई तकनीकी अड़चन नहीं आई तो छह महीने में योजना लागू हो जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक, योजना को लागू करने पर सरकार पर प्रति वर्ष करीब 1200 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।