सोशल मीडिया पर चुनाव के दौरान भड़काऊ पोस्ट डालने वालों की अब खैर नहीं
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर चुनाव के दौरान भड़काऊ पोस्ट डालने वालों की अब खैर नहीं होगी। चुनाव आयोग अब ऐसे सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेगा। मंगलवार को फेसबुक, ट्वीटर सहित इंटरनेट से जुड़ी दूसरी सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद आयोग ने यह सख्त संदेश दिया है। आयोग ने सोशल मीडिया प्रतिनिधियों के साथ मिलकर मजबूत निगरानी तंत्र बनाने को लेकर भी चर्चा की। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोडा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सोशल मीडिया से जुड़े प्रतिनिधियों को इससे जुड़ी जानकारियां भी दीं गयीं। इसके तहत उन्हें जिन पोस्टों से बचने की नसीहत दी गयी है उनमें राजनीतिक दल और उम्मीदवारों के बगैर सत्यापित विज्ञापनों के साथ रक्षा कर्मियों की फोटो, समाज में नफरत फैलाने वाले भाषण और किसी के खिलाफ फैलायी जाने वाली झूठी खबरों से बचने के लिये सतर्क किया। इसके लिये मजबूत निगरानी विकसित करने को लेकर भी चर्चा की गयी साथ ही उन्हें निर्देश किया गया कि वह सोशल मीडिया को लेकर तैय गाईड लाईन का सख्ती से पालन करें।
आयोग ने हाल ही में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया को लेकर एक गाइड लाइन जारी की थी। इसके तहत नौ बिन्दुओं पर सोशल मीडिया से चुनाव के दौरान नजर रखने को कहा गया था। हालांकि इस निर्देश के बाद यह भी सवाल खड़े किए जा रहे थे, कि चुनाव आयोग इसे रोकथाम में सक्षम ही नहीं है, क्योंकि इसके लिए उसके पास को कोई तंत्र ही नहीं है। माना जा रहा है कि आयोग ने इसके बाद ही सोशल मीडिया से जुड़े प्रतिनिधियों की बैठक कर इस दिशा में मजबूत पहल की है। वहीं आयोग के नए दिशा- निर्देशों के तहत चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को अपना सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी आयोग को देना जरुरी है। इसके जरिए वह प्रत्याशियों के फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर और जीमेल एकाउंट पर नजर रखा जा सकेगा।