पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से गुरमीत पर आफत और हनीप्रीत को मिली राहत
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर भले ही नए साल में आफत आ गई हो, लेकिन उसकी गोद ली बेटी हनीप्रीत को बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हनीप्रीत को जेल में बड़ी सुविधा दी है। अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत को अब मोबाइल से कॉलिंग की सुविधा मिलेगी। हनीप्रीत ने जेल में यह सुविधा दिए जाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि रोहतक की सुनारिया जेल मेें दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल कैद की सजा काट रहे राम रहीम को रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी ठहराया गया है। उसे इस मामले में 17 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी और संभावना है कि उसे बड़ी सजा मिलेगी। कानून के जानकारों का कहना है कि उसे उम्रकैद या फांसी की सजा सुनाई जा सकती है।
हाई कोर्ट ने हनीप्रीत को दी जेल से मोबाइल कॉलिंग की सुविधा हनीप्रीत ने नवंबर में हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जेल से मोबाइल पर कॉलिंग की सुविधा दिए जाने की गुहार लगाई थी। हनीप्रीत ने याचिका में कहा था कि वह माेबाइल से अपने भाई व परिवार के अन्य सदस्यों से बात करना चाहती है। हाई कोर्ट ने कई सुनवाई के हनीप्रीत की याचिका को मंजूर लिया। हाई कोर्ट ने उसे मोबाइल से अपने भाई से बात करने की अनुमति दे दी। अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हनीप्रीत ने अपनी याचिका में कहा था कि उसे रोज पांच मिनट मोबाइल से अपने भाई और परिवार के अन्य सदस्यों से बात करने की अनुमति दी जाए। बता दें कि हरियाणा की जेलों में कैदियों के लिए प्रिजन इनमेट कॉलिंग सिस्टम शुरू किया गया है। इसके जरिये कैदी अपने परिजनों से पांच मिनट तक रोजाना फोन पर बातचीत कर सकते हैं। इसी आधार पर हनीप्रीत ने पंचकूला एडिशनल जज की अदालत में अर्जी दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने निगेटिव पुलिस वेरिफिकेशन होने की वजह से इसे खारिज कर दिया था। उस वक्त हनीप्रीत द्वारा उपलब्ध करवाए गए नंबरों को वेरिफिकेशन के लिए भेजा गया था। इसके बाद हनीप्रीत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में हनीप्रीत ने मांग की थी कि बाकी कैदियों की तरह उसे भी इनमेट कॉलिंग सर्विस का लाभ दिया जाए ताकि वह अपने परिवार के सदस्यों व वकील से बात कर सके। उसकी इस मांग को पहले जेल अथॉरिटी और फिर एडिशनल सेशंस जज की कोर्ट ने खारिज कर दिया था। याचिका पर सुनवाई के दौरान हनीप्रीत के वकील ने अदालत को बताया कि इस सुविधा के तहत जेल अथॉरिटी किसी कैदी को प्री-वेरिफाई नंबर्स पर पांच मिनट बात करने देते हैं। ये बात मोबाइल में रिकॉर्ड की जाती है और इसे अगले 14 दिन तक सुरक्षित रखा जाता है। हनीप्रीत ने जेल से बात करने के लिए अपने भाई का नंबर दिया था और पुलिस इस नंबर को वेरीफाई करवा चुकी है। पुलिस ने हनीप्रीत की मांग का विरोध किया। उसका कहना था कि इससे अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी में दिक्कतें बढ़ सकती है। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि गुरमीत की गिरफ्तारी के बाद दर्ज की गई 20 एफआइआर में कई आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। अदालत को बताया गया कि इन एफआइआरों में अब तक गिरफ्तार किए गए 19 आरोपियों को जेल में कॉलिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके बाद पुलिस की आपत्ति को दरकिनार करते हुए जस्टिस दया चौधरी की अदालत ने हनीप्रीत को जेल में कॉलिंग सुविधा देने की याचिका को मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने हनीप्रीत पर पंचकूला हिंसा को लेकर दंगों की आपराधिक साजिश रचने, गुरमीत राम रहीम को हिरासत से फरार करवाने व देशद्रोह के आरोप लगाए थे। हनीप्रीत को चार अक्टूबर, 2017 को जीरकपुर पटियाला हाईवे से गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले राम रहीम को दोषी करार देने के दौरान 25 अगस्त, 2017 को पंचकूला में हुई हिंसा में 36 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हुए थे।