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एक और घोटाले में लालू की पत्नी और बेटे के नाम चार्जशीट

नई दिल्ली । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को भारतीय रेल पर्यटन एवं खानपान निगम (आइआरसीटीसी) होटल आवंटन मनी लांड्रिंग मामले में राजद प्रमुख, उनकी पत्‍‌नी राबड़ी देवी और छोटे बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ अपनी पहली चार्जशीट दायर की।

प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला  प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत नई दिल्ली स्थित एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में इनके अलावा लालू के करीबी प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्‍‌नी सरला गुप्ता, लॉरा प्रोजेक्ट्स नाम की एक कंपनी और दस अन्य को नामजद किया गया है। अपनी चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि संप्रग-एक सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 में लालू यादव ने रेलवे के होटलों का आवंटन नियमों को ताक पर रख कर कराया।

अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया  जांच एजेंसी के अनुसार, पुरी और रांची स्थित रेलवे के दो होटलों के अधिकारों के सब-लीज कोचर बंधुओं की स्वामित्व वाली मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिए जाने में लालू यादव और आइआरसीटीसी अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि होटल के सब-लीज देने के बदले कोचर बंधुओं ने लालू के करीबी प्रेमचंद गुप्ता के परिवार की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पटना के एक प्रमुख स्थान पर 358 डेसिमल जमीन फरवरी, 2005 में स्थानांतरित कर दी। गुप्ता की कंपनी को यह जमीन उस वक्त के सर्किल दरों से काफी कम कीमत पर बेची गई।

राबड़ी और तेजस्वी भी जांच के घेरे में  प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट में आगे कहा है कि काफी महंगी जमीन की स्वामित्व वाली डिलाइट कंपनी (अब लॉरा प्रोजेक्ट्स) धीरे-धीरे राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दी गई। कंपनी के शेयर को बहुत ही मामूली कीमत पर खरीद कर ऐसा किया गया। राबड़ी की ओर से शेयरों की खरीद के लिए इस्तेमाल किए गए धन पर भी जांच एजेंसी ने सवाल उठाया है। उसका आरोप है कि तेजस्वी ने जिनसे शेयर खरीदे थे, उन लोगों ने वह शेयर अपने पास होने से इन्कार किया है।

जमीन खरीदी की धनराशि भी संदिग्ध स्रोत से आई  ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, गुप्ता परिवार की कंपनी द्वारा जमीन हासिल करने के लिए इस्तेमाल में लाई गई धनराशि भी संदिग्ध स्रोत से आई थी। मेसर्स अभिषेक फाइनेंस कंपनी लिमिटेड नाम की एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी का इस्तेमाल करके प्रेमचंद गुप्ता से जुड़ीं 151 कंपनियों के जरिये उसका धनशोधन किया गया था। जांच एजेंसी ने आरोप पत्र में कहा है कि इस घोटाले में उसने अब तक 44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

सीबीअाई पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है  ध्यान रहे कुछ समय पहले सीबीआइ ने भी इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। नियमों को ताक पर रख सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को ठेका देने के आरोप में सीबीआइ ने पांच जुलाई को लालू व अन्य के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज किया था। इस एफआइआर के बाद ही ईडी ने पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।

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