पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों की घुसपैठ के दौरान हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गये, मगर इस दौरान एक मैजर सहित चार सैन्य कर्मी शहीद हो गये
श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर के गुरेज (बांडीपोर) सेक्टर में पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर गोलाबारी करते हुए आतंकियों की घुसपैठ कराने का प्रयास किया, मगर सेना ने उसे नाकाम कर दिया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में दो आतंकी भी मारे गए। हालांकि, सूत्र चार आतंकियों के मारे जाने का दावा कर रहे हैं। अलबत्ता, इस दौरान एक मेजर समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए। फिलहाल, सीमा पर एहतियातन सैन्य अभियान जारी है। इसमें सेना का पैरा कमांडो दस्ता भी भाग ले रहा है।जानकारी के अनुसार, सोमवार आधी रात के बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए अचानक नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे बकतूर और नैनी इलाके में भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी शुरू कर दी। पहले तो भारतीय सैनिकों ने संयम बनाए रखा, लेकिन जब पाकिस्तान बाज नहीं आया तो उन्होंने भी जवाबी फायर किया। सुबह तक दोनों तरफ से रुक-रुककर गोलाबारी होती रही। इस बीच सुबह हालात को भांपते हुए 36 आरआर और नौ ग्रिनेडियर्स के जवानों ने नैनी और बकतूर के इलाकों में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। जवान जब गोविंद नाले के पास पहुंचे तो वहां एक जगह छिपे आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। आतंकियों ने जवानों पर ग्रेनेड दागे और स्वचालित हथियारों से फाय¨रग कर दी। इसमें सैन्य दल के चार जवान जख्मी हो गए। अन्य जवानों ने तुरंत पोजीशन ली और जवाबी फायर शुरू कर दिया।इस बीच, निकटवर्ती चौकियों से भी जवानों की अतिरिक्त टुकडि़यां मौके पर पहुंच गई। जवानों ने घायल साथियों को वहां से अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए आतंकियों को मार गिराने का अभियान जारी रखा। सुबह 10.30 बजे तक दो आतंकी मारे गए थे, जबकि स्थानीय सूत्रों ने चार आतंकियों के मारे जाने का दावा किया है। उधर, अस्पताल में डॉक्टरों ने मेजर केपी राणे, राइफलमैन हमीर सिंह, गनर विक्रमजीत सिंह और राइफलमैन मनदीप को शहीद घोषित कर दिया।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने भी अपने बयान में इसकी जानकारी दी है। करीब दस घुसपैठिया होने की आशंका संबंधित सैन्य अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठियों की संख्या छह से 10 के बीच थी। इनमें से दो मारे गए हैं, लेकिन उनके शव पाकिस्तानी सैनिकों की सीधी फाय¨रग रेंज में एलओसी के अगले हिस्से में पड़े होने के कारण तत्काल कब्जे में नहीं लिए जा सके हैं।
इन्होंने देश पर जान कर दी न्यौछावर
-29 वर्षीय मेजर कोस्तुब प्रकाश (केपी) राणे। वह महाराष्ट्र के जिला ठाणे, पोस्ट आफिस मीरा रोड, गांव बी-9 हीरल सागर, सीतल नगर के रहने वाले थे। उनका जन्म 27 फरवरी, 1989 को हुआ था। वह 36 आरआर से संबंधित थे। मेजर के परिवार में उनकी पत्नी कनिका राणे रह गई हैं।
-25 वर्षीय शहीद गनर विक्रमजीत सिंह हरियाणा के जिला अंबाला, तहसील बरारा, गांव टेपला के रहने वाले थे। उनका जन्म छह मई 1993 को हुआ था। उनके परिवार में उनकी पत्नी हरप्रीत कौर रह गई हैं।
-28 वर्षीय शहीद राइफलमैन हमीर सिंह उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी, तहसील डुंडा, गांव पोखरियाल, पोस्ट आफिस न्यू सहरी के रहने वाले थे। उनका जन्म 15 अगस्त 1990 को हुआ था। उनकी पत्नी का नाम पूजा पोखरियाल है।
-26 वर्षीय शहीद राइफलमैन मंदीप सिंह रावत उत्तराखंड के जिला कोटदवार के अंतर्गत शिवपुर गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 15 जून 1992 को हुआ था। उनके परिवार में अब उनकी मां सुमा देवी रह गई हैं।