आज फूंकेंगी ममता बनर्जी 2019 के लोस चुनाव का बिगुल
कोलकाता । पिछले 25 वर्षों से हर साल 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस विराट शहीद दिवस सभा आयोजित करती है। लेकिन इस साल सभा में भीड़ के सभी रिकार्ड तोड़ने की तैयारी में है तृणमूल। निशाने पर है 2019 का लोकसभा चुनाव। लिहाजा तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने इस साल शहीद दिवस को बतौर संकल्प दिवस मनाने का फैसला किया है। लगभग तय है कि शनिवार को धर्मतल्ला के विक्टोरिया हाउस के पास बने मंच से ममता 2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकेंगी।
पिछले साल ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ का नारा देने वाली दीदी इस साल क्या नारा देंगी, देखने वाली बात होगी। बहरहाल 2019, भाजपा फिनिश का नारा कई मंचों से तृणमूल नेता उछाल चुके हैं।
भाजपा से सतर्क हैं ममता बनर्जी
इधर, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व यह साफ करने में कोई हिचक नहीं दिखा रहा कि उसकी नजर पश्चिम बंगाल पर है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक यहां एक माह में दो सभाएं कर चुके हैं। ऐसे में शहीद दिवस की सभा से ममता न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बंगाल में अपनी पकड़ का अंदाजा पेश करेंगी, साथ ही भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी करारा जवाब देना चाहेंगी।
अन्य दलों के नेता भी होंगे शामिल
लगभग हर साल तृणमूल की 21 जुलाई की सभा के मंच पर अन्य दलों के नेता तृणमूल का दामन थामते हैं। इस बार भी कांग्रेस के कुछ व सांसदों के साथ-साथ माकपा से निष्कासित नेताओं के तृणमूल में शामिल होने की चर्चा है।
दो दिन पहले ही पहुंचे समर्थक
दो दिन पहले से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से पार्टी कार्यकर्ता कोलकाता पहुंचने लगे थे। तृणमूल नेताओं की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि भीड़ के मामले में 25 वषरें के रिकार्ड टूट जाएंगे।
सभा के मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था चुस्त
-सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक महानगर में मालवाही वाहनों के चलने पर रोक लगा दी गई है।
– विक्टोरिया से गुजरने वाली मुख्य सड़क हेस्टिंग क्रासिंग, कैथेड्राल रोड, हास्पिटल रोड आदि सड़कों पर नो पार्किग।
– ट्राम सेवा सभा के समय बंद रहेगी।
– सभा स्थल के करीब लेनिन सरणी, सेंट्रल एवेन्यू और एसएन बनर्जी रोड पर वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी।
सुरक्षा के क्या हैं इंतजाम
रैली को देखते हुए सुरक्षा के लिए छह हजार पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। 18 स्थानों पर एंबुलेंस, विभिन्न जगहों पर 10 ड्राप गेट, आठ जगहों पर बड़े स्क्रीन, 10 मेट्रो स्टेशनों के अलावा हावड़ा व सियालदह स्टेशनों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम।
तृणमूल क्यों मनाती है शहीद दिवस
– 21 जुलाई, 1993 को तत्कालीन युवा कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान हुआ था।
– पुलिस के रोकने के बावजूद वह समर्थकों के साथ आगे बढ़ रही थीं।
– तत्कालीन ज्योति बसु की सरकार के निर्देश पर पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गए थे।
– तब से इस दिन को ममता बनर्जी हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाती हैं।
– इस वर्ष शहीद दिवस के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं।
-तृणमूल की शहीद दिवस सभा की सभी तैयारियां पूरी
-इस वर्ष शहीद दिवस की 25वीं वर्षगांठ, संकल्प दिवस के रूप में मनाने का फैसला
-मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के भाषण पर सबकी नजर