भय्यूजी सुसाइड केस: पुलिस ने पांच दिन के भीतर 15 से ज्यादा लोगों के लिए बयान
इंदौर । संत भय्यूजी महाराज की मौत के बाद पुलिस ने पांच दिन के भीतर 15 से ज्यादा लोगों के बयान लिए लेकिन ‘महाराज’ से पर्दा नहीं उठा। महाराज से जुड़े लोगों ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए हैं। पुुलिस उन संदेहियों से भी पूछताछ करने में कतरा रही है, जो भय्यूजी महाराज को लगातार कॉल कर रहे थे। सीएसपी ने डॉ. आयुषी से तो मंगलवार रात ही पूछताछ पूरी कर ली, जबकि कुहू के बयान 5 दिन बाद बयान लिए गए। जब तक वह परिजन के दबाव में आ चुकी थी। मामले में पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ की है, जिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
बुटिक संचालिका की भूमिका संदिग्ध : पलासिया निवासी बुटिक संचालिका और भय्यूजी महाराज की सोमवार दोपहर राऊ स्थित रेस्तरां में मुलाकात हुई थी। सीएसपी ने उसके बयान लिए और कहा कि वह उसके बेटे साहिल और भय्यूजी महाराज की बेटी कुहू के एडमिशन के बारे में चर्चा करने गई थी।
सवाल : सीएसपी और बुटिक संचालिका की भूमिका संदिग्ध है। जांच के दौरान पता चला कि बुटिक संचालिका 6 जून से महाराज को कॉल कर रही थी। महाराज की कॉल डिटेल में 6 जून से 11 जून तक 22 आउट गोइंग और 9 इनकमिंग कॉल व एक एसएमएस मिला है। मौत के पहले वाले दिन यानी सोमवार को तो उस महिला ने 6 बार कॉल किए थे। इसी तरह 8 जून को उसके फोन पर 8 बार बातचीत हुई।
पुणे का अमोल भी संदेही : अमोल अविनाश चव्हाण (पुणे स्थित आश्रम का सेवादार) भी मुख्य संदेही है। वह भय्यूजी महाराज के लगातार संपर्क में था। उसने रविवार रात और सोमवार दोपहर दिनभर कॉल किए थे। सीएसपी ने उसके बयान ही नहीं लिए। शनिवार दोपहर वह पुणे चला गया।
सवाल : अमोल के फोन से 21 इनकमिंग और 22 आउट गोइंग कॉल व 2 एसएमस आए हैं। महाराज की सास रानी शर्मा के मुताबिक महाराज रविवार रात को उस वक्त तनाव में थे जब अमोल उन्हें बार-बार कॉल कर रहा था। सोमवार को पुणे जाते वक्त भी अमोल की दोपहर 12 से 6 बजे के बीच 11 बार बातें हुईं। इसके बाद भय्यूजी महाराज रास्ते से लौट आए।
विनायक जानते हैं राज : पुलिस ने विनायक के बयान लिए लेकिन ठोस जानकारी नहीं जुटा पाई। आश्रम और आर्थिक जानकारियां जुटाकर मामला रफा-दफा कर दिया गया। सीएसपी के मुताबिक विनायक ने बताया कि सब कुछ सामान्य था।
सवाल : विनायक दुधाले ही भय्यूजी महाराज के सबसे विश्वसनीय सेवादार रहे हैं। उनके बोलने पर वे कुहू के पास डेढ़ महीने पुणे रहे थे। डॉ. आयुषी और कुहू के बीच चल रही कलह की वे हर बात जानते हैं। भय्यूजी महाराज उनसे बात करते वक्त अन्य कर्मचारी और डॉ. आयुषी को भी कमरे से निकाल देते थे। वे भय्यूजी महाराज के जीवन में चल रही हर बात की जानकारी रखते थे।
पत्नी और बेटी करवाने लगीं थी भय्यूजी की जासूसी पत्नी और बेटी के बीच खींचतान में फंसे भय्यूजी महाराज के अपने सेवादार और नौकर ही उनकी जासूसी करने लगे थे। इसके लिए उनकी पत्नी और बेटी सेवादारों और नौकरों पर दबाव बनाती थीं। बेटी इस बात का पता लगाने में जुटी रहती थी कि पिता दूसरी पत्नी के लिए क्या कर रहे हैं, जबकि दूसरी पत्नी का ध्यान बेटी से होने वाली बातचीत पर लगा रहता था। यह खुलासा भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) के नौकर और सेवादारों के बयानों से हुआ।
बेटी कुहू की जल्द शादी करवाना चाहते थे महराज भय्यू महाराज सुसाइड केस में पुलिस शुक्रवार देर रात तक उनकी बेटी कुहू और सेवादार विनायक दुधाले से पूछताछ करती रही। कुहू ने बयान में बताया कि पिता उसकी जल्द शादी कर देना चाहते थे। उसके लिए लड़का ढूंढ रहे थे, लेकिन उसने शादी से इंकार कर दिया और कहा कि वह अभी छोटी है और पढ़ना चाहती है। हालांकि, इस बार कुहू के बयानों में वह तल्खी नहीं थी जो पहले देखने को मिल रही थी लेकिन इशारों-इशारों में उसने आयुषी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। एसपी अवधेश गोस्वामी के मुताबिक कुहू ने कहा कि वह पिता की दूसरी शादी के पक्ष में नहीं थी। उसने न आयुषी को कभी अपनी मां माना, न ही उससे कभी बातचीत की। उसने यह भी बताया कि महाराज की शादी के कुछ दिन बाद आयुषी से विवाद हुआ और घर में तस्वीरें फेंक दी। इन घटनाओं की वजह से पिता तनाव में थे।
कुहू व आयुषी के बीच विवाद पुलिस भी परिजन के समक्ष यही सवाल उठा रही है कि कुहू व आयुषी के बीच विवाद था भी तो कुहू तो पढ़ाई के लिए विदेश जा ही रही थी, उसके बाद तो वैसे भी विवाद हल हो जाता। फिर क्या वजह थी कि महाराज इतने तनाव में आ गए, जो यह कदम उठाना पड़ा। इससे पहले सीएसपी मनोज रत्नाकर शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे भय्यू महाराज के बंगले ‘शिवनेरी’ पहुंचे और सबसे पहले 57 वर्षीय बहन मधुमति उर्फ रेणु निवासी सोलापुर (महाराष्ट्र) व आराधना पाटिल निवासी बानेर (महाराष्ट्र) से बंद कमरे में पूछताछ की।
दूसरों से मांगी थी आर्थिक मदद महाराज की बीमारी के दौरान पिछले महीनों अस्पताल का बिल चुकाने में समस्या आ रही थी। बेटी कुहू को पढ़ाई के लिए इंग्लैंड भेजने के लिए भी उन्होंने अकसर आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका और कुछ कारोबारियों से आर्थिक मदद मांगी थी। आश्रम से जुड़े सूत्रों में इस बात की भी चर्चा है कि भय्यू महाराज आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे थे। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व 10 लाख रुपए कर्जा भी लिया था। कुछ कारोबारी और अकसर उनके आश्रम आने वाली मुंबई की प्रसिद्ध गायिका से भी रुपए की गुहार लगाई थी। बताया तो यह भी जाता है कि एक महीने पूर्व वह निजी अस्पताल में भर्ती हुए तो उपचार के लिए रुपए कम पड़ गए।