नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कानून एवं व्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता राज बब्बर ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ‘‘पुलिस एनकाउंटर से सरकार चलाना चाहते हैं किंतु एनकाउंटर से सरकारें नहीं चलतीं।’’ कांग्रेस भले ही उत्तर प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभाते हुए सरकार पर हमले जारी रखे हुए है, किंतु पार्टी को राज्य में अपने संगठन की जमीनी स्थिति को मजबूत बनाने की जरूरत है। पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में माना कि राज्य में कांग्रेस संगठन पर हम बहुत ध्यान नहीं दे पाए। संगठन एक दिन में नहीं बनता।
राज्यसभा सदस्य राज बब्बर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में बहुत सारे नौजवानों को हिस्सा मिला, जो उनके लिए बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इससे कुछ बुजुर्ग और अनुभवी लोगों में नाराजगी हो। पर उन्हें यह देखना चाहिए कि यह किसी सीनियर का अपमान नहीं है। उनका अपना एक खास स्थान है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जो खाका बनेगा, वह अनुभवी और नौजवानों को साथ लेकर चलेगा। मुझे उम्मीद है कि संगठन के लिए भी काम होगा और 2019 के आम चुनाव के लिए भी काम होगा।
राज बब्बर हाल ही में अपने इस्तीफे की खबरों के कारण सुर्खियों में थे। हालांकि बाद में स्वयं उन्होंने इसे इंकार किया। इस बारे में पूछे जाने पर राज बब्बर ने कहा कि राहुल गांधी जब अध्यक्ष बने तो कार्य समिति और विभिन्न पीसीसी ने दो पंक्तियों का एक प्रस्ताव भेजा कि आगे बनने वाली कार्यसमिति या अन्य पदों पर नियुक्ति का निर्णय हम राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ते हैं। यह केवल मेरा मामला नहीं था। अगला आदेश आने तक हम सभी अपने उसी पद पर काम कर रहे हैं। यह प्रस्ताव स्वेच्छा से भेजा जाता है, किसी के दबाव में नहीं।
उप्र प्रदेश की भाजपा सरकार के अब तक के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने योगी सरकार के शासनकाल में सांप्रदायिक घटनाओं और पुलिस एनकांउटर के मामले बढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में आप जाकर देख लीजिए, वहां कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ एनकाउंटर के नाम पर पुलिस आठ-दस साल के बच्चों को गोली मार रही है। चाहे नोएडा हो या मथुरा या पूर्वांचल का कोई जिला, आपको पता चल जाएग कि इन पुलिस एनकाउंटर में कितने अपराधी और कितने बेगुनाह मारे जा रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि योगी सरकार पुलिस राज में अपना ‘‘इकबाल’’ खो चुकी है। राज्य में बलात्कार, राहजनी, हत्या आदि आपराधिक घटनाओं तथा महिला एवं दलित उत्पीड़न में कोई कमी नहीं आयी है। लेकिन ’’योगी सरकार बयानबाजी में बहुत आगे है। उन्हें यह समझना चाहिए। ‘‘वे एनकाउंटर से सरकार चलाना चाहते हैं..एनकाउंटर से सरकारें नहीं चला करतीं। ’’
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जमीनी स्तर पर अपना प्रभाव पूरी तरह से खो दिया है। प्रधानमंत्री ने जिस तरह से वादे किये थे, लोगों को लगता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद लोकसभा के जितने भी उप चुनाव हुए, भाजपा सबमें हारी है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी में वरिष्ठ एवं युवाओं नेताओं के बीच दीवार गिराने के आह्वान पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर राज बब्बर ने कहा, ‘‘राहुलजी ने उस दिन (कांग्रेस महाधिवेशन में) यह कहा कि यह दीवार केवल सीनियरों की तरफ से ही नहीं थी। यह दीवार नौजवानों की तरफ से भी थी क्योंकि उन्होंने इस बात को मान लिया था कि अभी हम युवा हैं। हमें इसी सीमा तक रहना है। उन्होंने उनके हाथ में जो सबसे बड़ी ताकत दी वह है पीसीसी और एआईसीसी में युवा चेहरों को शामिल कर।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस संगठन का सबसे मजबूत ढांचा है एआईसीसी और पीसीसी तथा इसमें उन्हें अपनी बात कहने का मौका दिया गया है। राहुल ने उनका सारा संकोच दूर कर दिया है। अब जो हमारे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें यह लगा होगा कि उनकी क्या भूमिका है, उन्हें अब यह धीरे धीर समझ में आने लगा है कि उनकी भूमिका खत्म नहीं हुई है। बल्कि उनकी भूमिका इस तरह बढ़ गयी है कि कैसे इस युवा ऊर्जा को कांग्रेस की मजबूती के लिए सार्थकता की तरफ ले आया जाए। तो एक तरफ अनुभव और एक तरफ ऊर्जा का समावेश हुआ है राहुल गांधी के आने के बाद। ’’
उप्र में सपा और बसपा के बीच आपसी गठबंधन और इससे कांग्रेस के हाशिये पर चले जाने की आशंकाओं के बारे में पूछे जाने पर राज बब्बर ने कहा कि वह इस बारे में कुछ नहीं कहना पसंद करेंगे क्योंकि यह गठबंधन दोनों पार्टी के अध्यक्षों ने न केवल उप्र बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर किया है। इसमें कांग्रेस की आगे क्या भूमिका होगी, इसके बारे में हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व ही फैसला करेगा।
उत्तर प्रदेश के फूलपुर एवं गोरखपुर लोकसभा क्षेत्रों के लिए हाल में हुए उपचुनाव में कांग्रेस यदि अपने उम्मीदवार नहीं खड़ी करती तो सपा-बसपा गठबंधन से बनी विपक्षी एकता को और मजबूती मिलती। राज बब्बर ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस नेतृत्व की इस बारे में कई बार बातचीत हुई। बसपा ने तो यहां तक कह दिया था कि हम उपचुनाव लड़ते ही नहीं हैं। यह भी बात थी कि एक सीट आप लड़िए और एक हम लड़े तो उन्होंने कहा कि वे विचार करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘देखिए, यह बात जा चुकी है। हम सब मिलकर जो भूमिका निभाते, वह इन दोनों ने निभा दी है।’’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने दो उम्मीदवार खड़े किये थे, यदि उन्हें वापस लिया जाता तो कार्यकर्ताओं का मनोबल बिल्कुल ही खत्म हो गया होता। जरूरी नहीं कि चुनाव अच्छा या बुरा, कैसा लड़ेंगे किंतु कार्यकर्ता यह सोचता है कि उसके साथ धोखा हुआ है।’’
अगले आम चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के हाथ मिलाने के बारे में प्रश्न पूछने पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय दोनों पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा।
पीसीसी अध्यक्ष के पद से उनके इस्तीफे के बारे में पूछने पर राज बब्बर ने कहा कि राहुल गांधी जब अध्यक्ष बने तो कार्य समिति और विभिन्न पीसीसी ने दो पंक्तियों का एक प्रस्ताव भेजा गया कि आगे बनने वाली कार्यसमिति या अन्य पदों पर नियुक्ति का निर्णय हम राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ते हैं। यह केवल मेरा मामला नहीं था। अगला आदेश आने तक हम सभी अपने उसी पद पर काम कर रहे हैं। यह प्रस्ताव स्वेच्छा से भेजा जाता है, किसी के दबाव में नहीं।