52 सफल आप्रेशन को अंजाम देने वाले मेजर शुक्ला पर लगे इल्जाम
जम्मू। मेजर रोहित शुक्ला। एक ऐसा नाम, जिसे सुनते ही आतंकियों के खेमे में खलबली मच जाती है। कश्मीर में आतंकियों का काल बन चुके सेना की 44 आरआर के मेजर शुक्ला के खिलाफ इन दिनों घाटी में लामबंदी तेज हो गई है। पहले से ही आतंकियों की आखों की किरकिरी बन चुके मेजर शुक्ला को अब मुख्यधारा के सियासी दल भी कश्मीर में खलनायक साबित करने में जुट गए हैं। मेजर शुक्ला वह शख्सियत हैं, जिन्हें कई नामी आतंकियों को मार गिराने पर वर्ष 2016 में शौर्य चक्र सहित कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
शहीद औरंगजेब की हत्या से जुड़ा है ताजा मामला, तीन सैन्यकर्मी हिरासत में : शहीद राइफलमैन औरंगजेब 44 आरआर के मेजर शुक्ला के नेतृत्व वाले क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) के ही सदस्य थे। पिछले साल जून में ईद से एक दिन पहले अपने घर पुंछ जा रहे औरंगजेब की आतंकियों ने रास्ते में अपहरण कर हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि औरंगजेब की हत्या के मामले में सेना ने उनके ही तीन साथी सैन्यकर्मियों को हिरासत में लिया है, जो पुलवामा व कुलगाम के रहने वाले हैं। इनके नाम तजामुल अहमद, आदिल वानी और आबिद वानी बताए जाते हैं। अलबत्ता, रक्षा मंत्रालय या पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। तीनों सैन्यकर्मियों से अभी पूछताछ चल ही रही थी कि मेजर शुक्ला पर आरोप लगा कि उन्होंने आरोपित सैन्यकर्मी आबिद वानी के भाई तौसीफ अहमद वानी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और उसे बुरी तरह पीटा। तौसीफ इस समय श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह (एसएमएचएस) अस्पताल में भर्ती है।
राज्यपाल ने दिखाया आईना : महबूबा के बयान पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दो टूक कहा कि सुरक्षाबल कोई ज्यादती नहीं करते। मैं सेना के साथ खड़ा हूं। रही बात महबूबा जी की तो उनके बयान को गंभीरता से लेने की नहीं बल्कि उनके साथ सहानुभूति जताने की जरूरत है। पीडीपी अध्यक्ष इसी तरह के समर्थन और बयानों से सत्ता में आईं थीं।
महबूबा, उमर, फैसल व इंजीनियर भड़के : राज्यपाल का सेना के समर्थन में बयान देना महबूबा के साथ नेकां के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पूर्व विधायक व अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद सहित सरकारी नौकरी छोड़ सियासत में आए शाह फैसल को भी रास नहीं आया। सभी ने एक सुर में मेजर शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई और उनके तबादले की मांग की।
52 ऑपरेशन कर चुके हैं मेजर शुक्ला : दक्षिण कश्मीर में पिछले दो साल में कई नामी आतंकियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभा चुके मेजर शुक्ला करीब 52 ऑपरेशन में हिस्सा ले चुके हैं। शुक्ला के नेतृत्व वाली क्विक एक्शन टीम (क्यूएटी) पूरी रणनीति के तहत घेराबंदी से लेकर ऑपरेशन को अंजाम देकर आतंकियों का सफाया करती है। इसमें मेजर शुक्ला के दस्ते को महारत हासिल है।
ऐसे किया था समीर टाइगर का सफाया : कश्मीर में आतंक का पर्याय बनते जा रहे हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमांडर समीर टाइगर ने पिछले साल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया। इसमें वह मुखबिर को कह रहा था कि शेर ने शिकार करना क्या छोड़ा उसने (मेजर शुक्ला) सोचा जंगल हमारा है। बोल देना मेजर शुक्ला को अगर मां का दूध पिया है तो आ जाए। वीडियो वायरल होते ही मेजर ने समीर टाइगर का चैलेंज स्वीकार किया और अगले 24 घंटे के भीतर ही उसको ढेर कर साबित कर दिया कि केवल नाम रखने से कोई टाइगर नहीं होता। असली टाइगर वह है, जो काम से जाना जाए। इस मुठभेड़ में मेजर शुक्ला भी घायल हुए थे।