25 मई को खुलेंगे हेमकुंड के कपाट, पहला जत्था 22 मई को होगा रवाना
ऋषिकेश : उत्तराखंड के पांचवें धाम कहे जाने वाले हेमकुंड साहिब के लिए गुरुद्वारा ऋषिकेश से पहला जत्था 22 मई को रवाना होगा। केंद्रीय आवासीय व शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी श्रद्धालुओं के इस जत्थे को रवाना करेंगे। धाम के कपाट 25 मई को खोले जाने हैं। इसी दिन से धाम के लिए हेली सेवा भी शुरू हो जाएगी। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। बताया कि मैनेजमेंट कमेटी ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। सेना के जवान धाम तक बर्फ हटाने का काम पूरा कर चुके हैं। घांघरिया से हेमकुंड तक बिजली पहुंचा दी गई है। इसके अलावा गोविंदघाट से पुलना तक टैक्सी सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे धाम का पैदल सफर चार किमी कम हो जाएगा।बिंद्रा ने बताया कि 24 मई को गोविंदघाट से यात्रा शुरू होगी। गुरुद्वारा कमेटी की ओर से पूरी यात्रा को ईको फ्रेंडली बनाया जा रहा है। इसके लिए पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। वर्षा से पूर्व हेमकुंड मार्ग का चौड़ीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने पंजाब समेत अन्य प्रांतों से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे दुपहिया से यात्रा को नजरअंदाज करें। इस मौके पर गुरुद्वारा के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह भी मौजूद रहे।श्री हेमकुंड साहिब में इस वर्ष भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेस्क्यू हेलीपैड का निर्माण नहीं हो पाया। गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि यह कार्य सरकार को करना था। इस संबंध में मुख्यमंत्री से दोबारा आग्रह किया जाएगा। बताया कि गोविंदघाट से हेमकुंड तक रोपवे पर जून से काम शुरू होने की संभावना है। यूरोप की एक टीम इसका सर्वे भी कर चुकी है।