भूखे,प्यासे परिवार ने व्हील चैयर पर 13 दिन में किया 300 किमी का सफर तैय, अभी 700 किमी और आगे जाना है
मानपुर (इंदौर)। लॉकडाउन के तीसरे चरण में मजदूरी करने वाले लोग किस कदर परेशान हैं, इसका अंदाजा विनोद के परिवार को देखकर लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र के धुले में गुब्बारे बेचकर परिवार पालने वाले विनोद पिपाहा अपने घर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जा रहे हैं। 13 दिन में यह परिवार 300 किमी का सफर कर इंदौर के समीप मानपुर पहुंचा है। उसे अभी 700 से ज्यादा किमी का सफर करना है।
परिवार ने 13 दिन के सफर में अच्छी तरह भोजन भी नहीं किया विनोद पिपाहा के साथ पत्नी और दो बच्चे हैं। व्हील चेयर पर उसके ससुर और दिव्यांग भाई भी हैं। इन सभी ने सफर शुरू करने के बाद 13 दिनों से अच्छी तरह भोजन भी नहीं किया है। रास्ते में राहगीरों से मिले कुछ बिस्किट के पैकेट से ही ये किसी तरह अपना और बच्चों का पेट भरते रहे हैं। व्हील चेयर पर बैठे-बैठे ससुर राजेश कुमार की पीठ पर बड़े घाव हो चुके हैं। इनकी स्थिति देखकर मानपुर में लोगों ने मदद की और इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी।
महाराष्ट्र के धुले में रोटी मिलना मुश्किल हुई, बचत लॉकडाउन के दौरान खत्म हो चुकी थी जिस धुले शहर में उन्हें रोजगार मिला, वहां इन दिनों रोटी भी मिलना मुश्किल हो रही थी। अब तक उनकी बचत लॉकडाउन के दौरान भोजन जुटाने में खत्म हो चुकी थी। ऐसे में उन्होंने अपनी मिट्टी की ओर जाना बेहतर समझा।
इनका परिवार धुले में फुटपाथ पर रहता है विनोद का परिवार धुले में भी फुटपाथ पर ही रहता है। व्हील चेयर पर बैठे ससुर, दिव्यांग भाई, पत्नी और दो बच्चों को लेकर उन्हें अलीगढ़ के महफूज नगर जाना है, जो मानपुर से करीब 700 किमी दूर है। विनोद ने बताया कि 13 दिन पहले चले थे।
महीने भर और चलेंगे तब अलीगढ़ पहुंचेंगे करीब महीने भर और चलेंगे तो 700 किमी दूर अलीगढ़ भी पहुंच जाएंगे। इनके पास दो व्हील चेयर हैं। दिव्यांग छोटा भाई राज उस पर सामान रखकर किसी तरह धक्का दे रहा है।
कई बार टूटी हिम्मत करीब 38 डिग्री सेल्सियस की कड़ी गर्मी में मासूम बच्चों के साथ सफर करते हुए कई बार इनकी हिम्मत टूटी, लेकिन चलने के लिए फिर उठ खड़े हुए।
रास्ते में राहगीरों ने कुछ बिस्किट के पैकेट दिए थे उन्हीं से पेट भरते रहे रास्ते में राहगीरों ने कुछ बिस्किट के पैकेट दिए थे उन्हीं से अब तक पेट भरते रहे हैं। सभी भूख से कमजोर हो चुके हैं। अब व्हील चेयर को धक्का देना भी मुश्किल हो रहा है। मानपुर के व्यक्ति की पहल पर आश्रय इस परिवार की हालत देखकर मानपुर के एक व्यक्तिने इन्हें रोका और आश्रय दिया। फिर भोजन की व्यवस्था भी की। इसकी सूचना इंदौर की महू तहसील के एसडीएम प्रतुल सिन्हा को दी गई तो उन्होंने इन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था बनाने तक मानपुर में ही रकने के लिए कहा।