फैक्टरी मजदूर की संदिग्ध मौत में भटक रहे परिजन
पानीपत-जिला के गांव परढाना में एक फैक्टरी मजदूर की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में परिजनों द्वारा हत्या का आरोप लगाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर सीएम विंडों पर शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने पर मृतक के परिजन आज पुलिस अधीक्षक से मिले। उन्होंने शीघ्र जांच कराकर उचित कार्यवाही कराए जाने का आश्वासन दिया है। यहां लघु सचिवालय में पहुंचे गांव परढाना निवासी अमरजीत पुत्र रामदिया ने बताया कि उनका बेटा कर्ण गांव परढाना स्थित गोल्डन फैक्टरी में मशीन चलाने का काम करता था। कर्ण के संबंध गांव की ही एक लडक़ी हो गए थे। लडक़ी को हमने कई बार कर्ण से मिलने से मना किया पर वह नहीं मानी। इसी बीच 25 नवम्बर को रात 8ः15 बजे घर से कर्ण को उसके दोस्त गांव के ही निवासी सागर पुत्र सुखबीर व अभिषेक पुत्र कर्मबीर बुलाकर ले गए थे। देर रात तक वापिस नहीं आने पर उन्होंने कई जगहों पर कर्ण की तलाश की पर वह नहीं मिला। सुबह सागर व अभिषेक से पता करने का प्रयास किया तो वह दोनों ही नहीं मिले। जिसके बाद उन्होंने अपनी रिश्तेदारियों व परिचितों के यहां पर कर्ण की तलाश शुरू कर दी। अमरजीत के अनुसार 29 अक्तूबर को सुबह गांव के ही जोहड़ से कर्ण की लाश बरामद की गई। जिसके बाद थाना इसराना पुलिस मौके पर पहुंची तो हमने पुलिस को बताया था कि कर्ण को सागर व अभिषेक बुलाकर ले गए थे तथा कर्ण के संबंध जिस लडक़ी से थे तथा उसके पिता, परिजन बलबीर व पवन आदि ने मिलकर कर्ण की हत्या की है। हमने पुलिस को बताया था कि लडक़ी के परिजन पहले भी कर्ण के साथ मारपीट कर व जान से मारने की धमकी दे चुके थे। अमरजीत का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिर्पोट में कर्ण की मौत पिटाई से होने की बात सामने आने के बाद भी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज नहीं किया। आरोप है कि केस की जांच कर रहे एएसआई सुभाष आरोपियों से मिला हुआ है। वह कभी भी केस के बारे पूरी जानकारी तक नहीं दे रहा है हर बार जांच जारी है कहकर पल्ला झाड लेता है। जिससे परेशान आकर उन्होंने 10 दिन पहले सीएम विंडों पर शिकायत दी थी तथा आज पुलिस अधीक्षक को स्वयं मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। एसपी ने शीघ्र से शीघ्र जांच पूरी करा कर उचित कार्यवाही कराए जाने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर अमरजीत के साथ कश्यप समाज के प्रधान गुरदीप कश्यप, रामकिशन कश्यप, महेन्द्र कश्यप व सिकंदर भी मौजूद रहे। रिपोर्ट- विनोद पांचाल