कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने अपना एक महीने का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की मुहिम शुरू की
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रियों ने कोरोना संकट से निपटने के लिए अपना एक महीने का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में देने की मुहिम शुरू की है। इसकी शुरुआत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की थी। इसके उपरांत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार भी इस मुहिम में शामिल हो गए।
सोनिया गांधी ने सांसद निधि से कोरोना पीड़ितों को दिया पर्याप्त धन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अपनी सांसद निधि से पर्याप्त धन कोरोना पीड़ितों के इलाज में खर्च करने के लिए डीएम को पत्र लिखा है। निशंक ने राहत कोष में देने के साथ कहा है कि जरूरत पड़ी तो मैं व्यक्तिगत रूप से भी जनता की मदद के लिए जो भी बन पड़ेगा करूंगा।
प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान के लिए हस्तियों ने बढ़ाए हाथ मंत्रियों के अलावा देश भर से प्रमुख हस्तियों की ओर से भी प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए योगदान दिए जाने की घोषणाएं होने लगी हैं। दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत, बैंडमिंटन खिलाड़ी व आलंपिंक मेडल विनर पीवी संधू, बालीवुड स्टार रितिक रोशन, कामेडी किंग कपिल शर्मा ने गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में 50 लाख रुपये का योगदान करने का ऐलान किया है।
केंद्रीय विद्यालय, वृद्धाश्रम और छात्रावास बनेंगे कोरेनटीन सेंटर कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने मुस्तैदी और बढ़ा दी है। सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर मौजूद केंद्रीय विद्यालयों, वृद्धाश्रमों और छात्रावासों को कोरेनटीन सेंटर के रूप में तैयार करने को कहा है। ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना से संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए लोगों को वहां अलग-अलग रखा जा सके। इससे पहले देश के लगभग हर एक जिले में मौजूदा नवोदय विद्यालयों के छात्रावासों को इसके लिए इस्तेमाल में लेने के निर्देश दिए थे। सरकार ने यह कदम देश भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या और उनसे काफी लोगों के संक्रमित होने की आशंका के आधार पर कोरेनटीन के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है।