Uttarakhand

कम करके दिखाने के प्रयास हुए पटेल के योगदान को

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव से पहले अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कुछ सियासी दलों और सरकारों ने अतीत में, आजादी मिलने के तत्काल बाद देश को एकजुट करने के सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को कम करके दिखाने और उसे मिटाने के प्रयास किए। मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 142 वीं जयंती पर हरी झंडी दिखाकर ‘‘रन फॉर यूनिटी’’ की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि देश के पहले गृहमंत्री की राजनीतिक सूझबूझ और शासन कौशल की वजह से आज देश एकजुट है, बावजूद इसके कि औपनिवेशिक शासक चाहते थे कि भारत आजादी के बाद छोटे-छोटे राज्यों में विघटित हो जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘ पटेल को कम महत्व देने के प्रयास हुए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके योगदान को भुला दिया जाए। लेकिन सरदार तो सरदार हैं, सरकार या कोई भी दल भले ही उनके योगदान को स्वीकार करे या नहीं, लेकिन राष्ट्र और युवा उन्हें नहीं भूलेंगे। ’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ भारत के युवा हमारे देश के निर्माण में उनके योगदान का और उनका सम्मान करते हैं।’’ मोदी की टिप्पणियां गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इसलिए महत्व रखती हैं क्योंकि पटेल इसी राज्य से हैं।

पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के तुरंत बाद आए संकटों से उन्होंने न केवल देश को बचाया, बल्कि पूरे देश को एकजुट करने में सफलता भी पाई। उन्होंने कहा, ‘‘ ब्रिटिश सरकार भारत को छोटे-छोटे राज्यों में विघटित करना चाहती थी लेकिन पटेल ने साम-दाम, दंड-भेद, राजनीति, कूटनीति समेत सभी साधनों का इस्तेमाल कर सभी रियासतों को मिलाकर बहुत कम समयावधि में एक राष्ट्र बनाने में सफलता पाई।

मोदी ने कहा कि भारतीय पीढ़ी दर पीढ़ी पटेल को याद रखेंगे, खासकर युवा जो उनकी विरासत को आगे लेकर जाएंगे। मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम से शुरू हुई इस ‘‘रन फॉर यूनिटी’’ में कर्णम मल्लेश्वरी, दीपा करमाकर, सरदार सिंह और सुरेश रैना जैसी प्रख्यात खेल हस्तियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। कुल 1.5 किलोमीटर की यह दौड़ इंडिया गेट तथा शाहजहां रोड के पास बने सी-हेग्सागन पर समाप्त हुई। इससे पहले, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद मार्ग स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने बताया कि आजादी के पहले तथा भारत के आजाद होने के बाद शुरूआती वर्षों में सरदार पटेल का जो योगदान रहा, उस पर देश में हर कोई गर्व करता है। मोदी ने कहा, ‘‘सरदार पटेल को उनकी जयंती पर हम नमन करते हैं। उनकी महत्वपूर्ण सेवाओं तथा अमूल्य योगदान को भारत कभी भुला नहीं सकता।’’ विविधता को भारत की ताकत बताते हुए मोदी ने कहा कि यहां कई भाषाएं, धर्म, संस्कृतियां, परंपराएं, जीवनशैली और खानपान की विविध आदतें हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन ये हमारी ताकत है और यही हमारा उज्ज्वल भविष्य है। भारत को हमारी विविधता पर गर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि भारत एक एकजुट देश बन पाया है तो इसकी वजह पटेल की प्रशासनिक सूझबूझ और मजबूत नेतृत्व है लेकिन देश उन्हें उचित सम्मान नहीं दे रहा।

मोदी ने कहा, ‘‘ राजेंद्र बाबू आज जहां भी होंगे, खुश होंगे कि अब हम पटेल के योगदान को याद कर रहे हैं, हालांकि कुछ लोगों ने इसे कमतर करके दिखाने और उसे मिटाने के प्रयास किए। देश पटेल को याद करता रहेगा।’’ मोदी ने कहा कि कुछ देशों में यहां तक कि एक ही पंथ के लोग एक-दूसरे के प्रति असहिष्णु हैं, एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना और खत्म कर देना चाहते हैं। लेकिन भारत में विविधता के बावजूद सभी लोग एकजुट हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे देश को एकजुट रहना चाहिए। यह सुनिश्चित करना 125 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है कि भारत एकजुट बना रहे। ’’अपने भाषण की शुरूआत में मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश को एकजुट करने के अलावा पटेल ने आजादी के तुरंत बाद शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा की चुनौती का भी सफलतापूर्वक सामना किया। उन्होंने कहा, ‘‘ आजादी के समय देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के पीछे मुख्य शक्ति सरदार पटेल ही थे।’’ केंद्र सरकार देशभर में 31 अक्तूबर को सरदार पटेल की जयंती को ‘‘राष्ट्रीय एकता दिवस’’ के तौर पर मनाती है।‘‘ रन फॉर यूनिटी’’ में अनंत कुमार, विजय गोयल, राज्यवर्धन सिंह राठौर और हरदीप पुरी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।

हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह ने इस मौके पर कहा कि ‘‘रन फॉर यूनिटी’’ देश की एकता और अखंडता की झलक दिखाने के लिए एक सराहनीय पहल है। जिमनास्ट दीपा करमाकर ने कहा कि देश के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान को याद करने के लिए आयोजित दौड़ का हिस्सा बनकर वह गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। पटेल का जन्म 31 अक्तूबर 1875 को हुआ था। उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को हुआ था।

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