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यहां भूख से बिलख रहे हैं करोड़पति, बोरी भरकर पैसा देने के बावजूद भी नहीं मिल पा रहा भरपेट भोजन

नई दिल्ली। वेनेजुएला एक ऐसा अमीर देश था जहां लोग कॉस्मेटिक पर विश्व में सबसे ज्यादा खर्च करते थे। यह विश्व में सबसे बड़े तेल उत्पादक देशों में से एक है। यहां पेट्रोल 50 पैसे प्रति लीटर के है। आज उस देश के ऐसे हालात हैं कि वहां बोरी भरकर पैसा ले जाने के बावजूद भरपेट भोजन नहीं मिलता। लोग खाने के लिए एक-दूसरे के जान के दुश्मन बने हैं। जानवरों को सरेआम मारकर लोग मांस अपने घर ले जा रहे हैं। स्टोर्स और सार्वजनिक स्थानों के सामान लूटे जा रहे हैं। रोज विरोध प्रदर्शन हो रहा है और लोग मारे जा रहे हैं। यहां करोड़पति लोग खाने के लिए बिलख रहे हैं। सरकार ठोस कदम उठाने के बजाय, घड़ाघड़ नोट छाप रही है, जिससे संकट और गंभीर होने की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी मूकदर्शक बनी हुई है।

क्या है संकट की वजह  पिछले 5 साल में इस देश की इकोनॉमी 50 फीसद से ज्यादा सिकुड़ चुकी है। कुल निर्यात में 96 फीसद तेल है। अमेरिका और अन्य देशों के प्रतिबंधों के चलते जब तमाम देशों ने उससे तेल लेना बंद कर दिया तो उसकी इकोनॉमी एकदम बैठ गई। तेल की बिक्री काफी कम हो गई है। यहां हर सतरहवें दिन वस्तुओं की कीमतें दोगुनी हो रही हैं।

डॉलर की कीमत 35 लाख बोलिवर वहां की मुद्रा बोलीवर है। एक डॉलर की कीमत 35 लाख बोलिवर के बराबर हो गई है।वेनेजुएला तुर्की की मदद से आर्थिक संकट से निकलने का रास्ता तलाश रहा है। वहां का सेंट्रल बैंक प्रतिबंधों के चलते स्विटजरलैंड की बजाए तुर्की को अपना सोना एक्सपोर्ट कर रहा है। वेनेजुएला ने 2018 में 779 मिलियन गोल्ड तुर्की को एक्सपोर्ट किया है।

क्या है चीजों के दाम 
जुलाई 2018 में वेनेजुएला में कुछ चीजों के दाम इस तरह हैं –
-खाना सस्ते रेस्तरां में -3 डॉलर
-खाना मिड रेंज रेस्तरां में (दो लोगों के लिए) – 27 डॉलर
-घरेलू बियर – 0.50 डॉलर
विदेशी बियर – 02.00 डॉलर
पानी की बोतल -0.31डॉलर
दूध (एक लीटर) -1.01 डॉलर
ताजी ब्रेड- 0.91 डॉलर
चावल एक किलो- 1.41 डॉलर
सेब एक किलो -3.68 डॉलर
टमाटर एक किलो- 1.12 डॉलर

ऐसे चल रही है जिन्दगी 
– बाल काटने के एवज में नाई अंडे और केले ले रहा है।
– कैब सर्विस लेने के लिए सिगरेट का डब्बा देना पड़ रहा है।
– रेस्टोरेंट खाना खिलाने के बदले पेपर
– 3 करोड़ की आबादी वाले वेनेजुएला में यह संकट 2014 से है
-5 लाख लोग विदेश जा चुके हैं इस साल।
– 10 लाख से अधिक लोग कोलंबिया में रह रहे हैं।
– 82 फीसदी निवासी गरीबी में जी रहे हैं।
– 51 प्रतिशत लोग तो ठीक से अपना पेट भी नहीं भर पा रहे हैं।

मजे की बात यह है कि यह सब इसी धरती पर हो रहा है किसी अन्य प्लेनेट पर नहीं। आज जरूरत है तो संभल जाने की और प्राकृतिक स्रोतों को बचाने की, नहीं तो यहां के हालात भी ऐसे होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

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