तुष्टिकरण के लिए पवित्र मंत्रों का गलत उच्चारण अस्वीकार्य, ठेस पहुंचाते रहे रावतः चौहान
देहरादून। भाजपा ने पूर्व सीएम हरीश रावत के द्वारा हे मुसलमानाय नमः के जाप पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि तुष्टिकरण के लिए उनका संबोधन सनातन संस्कृति का अपमान है और वह सदैव सनातन मतावलंवियों को ही ठेस पहुंचाते रहे हैं।
प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए कहा कि पूर्व सीएम ऐसा उच्चारण मुस्लिम समाज के कलमा या अन्य धर्म के पवित्र उच्चारणों में नही कर पाएंगे, क्योंकि सनातन का अपमान वह सहजता के बिना रोक टोक करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज धामी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक पहचान के साथ डेमोग्राफी बनाये रखने के लिए कड़े कानून लागू कर रही है। लेकिन लव और लैंड जिहाद का पर्दे के पीछे से समर्थन करने वालों को यह हजम नही हो रहा है। हे मुस्लमानाय नमः जैसे बयानों से स्पष्ट होता है कि हरीश रावत और कांग्रेस पार्टी भी ऐसे समथकों में शामिल हैं। भाजपा की आलोचना करने के लिए हिंदुओं के पवित्र मंत्रों का इस तरह दुरूपयोग किसी भी तरीके से उचित नही ठहराया जा सकता है। उनके बयान में स्पष्ट नजर आता है कि एकवर्ग विशेष को प्रसन्न करने के लिए सनातन संस्कृति का अपमान किया गया है। सुविधावादी हिन्दू बने कांग्रेसी नेताओं के ऐसे विचारों से स्पष्ट होता है कि सनातन संस्कृति और उसमें उच्चारित होने वाले मंत्रों के प्रति वे कितना सम्मान रखते हैं।
श्री चैहान ने कहा कि बंद कमरों में मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वादा करने वाले, सार्वजनिक मंचों पर सनातन संस्कृति का अपमान करने में गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, समुदाय विशेष में अपने वोट बैंक का महिमामंडन करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का यह बयान बेहद निंदनीय है ।
उन्होंने कहा, बेहतर होता कि सभी राजनैतिक पार्टियाँ उत्तराखंड के देवभूमि स्वरूप को बनाये रखने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करती । लेकिन इसके उलट सनातनी संस्कृति के इस खुले अपमान को देवभूमि की जनता कतई बर्दाश्त नही करेगी।