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पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया योगिनी एकादशी

ऋषिकेश । ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट, पूर्णानंद घाट में विश्व प्रसिद्ध प्रथम महिला गंगा आरती में महिलाओं द्वारा आज आषाढ़ माह के
कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। आज योगिनी एकादशी व्रत का पारण है। पूर्णानंद घाट पर योगिनी एकादशी का पर्व पर सुंदरकांड का पाठ कर हर्षोल्लास से मनाया गया और जय जय श्रीराम व जय श्री हनुमान के नारों से पूर्णानंद घाट गूँज उठा, देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पंडित प्रशांत शास्त्री मारुति हनुमान मंदिर किला गेट ग्वालियर के सौजन्य से सुंदरकांड का पाठ का आयोजन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री राम कथा प्रवाचक आचार्य पंडित अश्विनी मिश्र मधुबन आश्रम में चल रही कथा कि आज चैथे दिन पर मां गंगा की आरती में हिस्सा लेकर मां का आशीर्वाद लिया।
गंगा जी के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत का चतुर्थ दिवस बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ और सभी लोगों ने भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव भावपूर्ण और भजन के माध्यम से आनंद से भावविभोर होकर प्राप्त किया।
आचार्य पंडित अश्विनी मिश्र ने कहा कि हमारे सनातन धर्म ऐसा है जिसमें उत्साह उमंग और उत्साह यह तीनों हर समय रहते हैं और हमारे ठाकुर जी भक्तों के हृदय में सदा राजमान रहते हैं इसीलिए जब उनकी उत्सव होते हैं तो हृदय भाव से प्रेम से उत्साह उमंग और उत्साह से युक्त हो जाता है इस संसार में मात्र एक सनातन धर्म है जिसमें स्त्रियों की पूजा होती है स्त्रियों को देवत्व रूप प्रदान किया गया है हमारे यहां शक्ति के लिए दुर्गा धन के लिए लक्ष्मी और विद्या के लिए सरस्वती जी को पूजा जाता है। भगवान कृष्ण के नाम से भी पहले राधे का नाम लिया जाता है और ऐसा ही सुंदर उदाहरण या गंगा जी की आरती मां गंगा जी की सेवा गंगा की बिटिया ही करती हैं। पंडित प्रशांत शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म के नियमों का पालन कर हम सुंदर भारत का निर्माण कर सकते हैं। घर पर बच्चों में संस्कार की खुशबू विदेशों तक महकती है, जिससे राष्ट्र का नाम होता है।
महिला गंगा आरती में मुख्य रूप मधुबन आश्रम ऋषिकेश स्वामी प्रेम, आचार्य अभिनव पोखरियाल डायरेक्टर नमामि गंगे स्पिरिचुअल, हरिओम शर्मा 8ज्ञानी जी, सुशीला सेमवाल, गंगा भक्त सोनल पांड्या, डॉ. ज्योति शर्मा, दिल्ली से आनन्द गुप्ता, सुषमा बहुगुणा, प्रमिला, सरिता आदि महिलाओं ने गंगा आरती की।

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