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जिला पंचायतों में डीएम एवं प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से योजनाओं के लिए धनराशि की स्वीकृति का निर्णय अव्यवहारिकः कांग्रेस  

देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने जिला पंचायतों में जिलाधिकारी एवं प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से योजनाओं के लिए धनराशि की स्वीकृति का अधिकार दिये जाने के राज्य मंत्रिमण्डल के  निर्णय को अव्यवहारिक, लोकतंत्र विरोधी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला तथा सरकार की तानाशाही का प्रतीक बताया है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राज्य मंत्रिमण्डल के फैसले पर सवाल खडे़ किये हैं।
प्रीतम सिंह ने कहा कि जिला पंचायतों में जिलाधिकारी एवं प्रभारी मंत्रियों के अनुमोदन से योजनाओं के लिए धनराशि की स्वीकृति का अधिकार दिये जाने का राज्य मंत्रिमण्डल का निर्णय पूर्णतः अव्यवहारिक, लोकतंत्र विरोधी, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला तथा राज्य सरकार की तानाशाही का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामियों के चलते पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं करा पाई जिसका खामियाजा जिला पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों को भुगतना पड़ रहा है। राज्य मंत्रिमण्डल में इस प्रकार के निर्णय लेकर राज्य सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू है। राज्य मंत्रिमण्डल द्वारा जिला नियोजन समितियों के अधिकार जिलाधिकारी व प्रभारी मंत्रियों को देकर पंचायतों को अपने हाथों की कठपुतली बनाने तथा लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास कर रही है। राज्य मंत्रिमण्डल का निर्णय जिला नियोजन समितियों का गठन हुए बिना पंचायतों में विकास योजनाओं की धनराशि को खुर्द-बुर्द करने का षडयंत्र मात्र है तथा कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण निर्णय का पुरजोर विरोध करती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने यह भी कहा कि इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी का हवाला देते हुए राज्य मंत्रिमण्डल में अध्यादेश के माध्यम से ग्राम प्रधानों के 105 रिक्त पदों पर प्रशासक बिठाने तथा पंचायत प्रतिनिधियों के 4951 पदों पर मनचाहे लोगों को नामित करने का निर्णय लेकर लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है। भारत में लोकतंत्र की नींव माने जाने वाले ग्राम पंचायतों के अधिकारों में हस्तक्षेप कर राज्य सरकार पंचायतों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का हनन कर ग्राम पंचायतों में लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमण्डल का यह निर्णय सर्वथा अनुचित तथा ग्राम पंचायतों के अधिकारों तथा लोकतंत्र पर कुठाराघात करने वाला है। प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों व जिलाधिकारी को जिला पंचायतों में योजनाओं के लिए धनराशि की स्वीकृति के लिए जिला नियोजन समितियों के अधिकार दिया जाना तथा ग्राम पंचायतों में प्रतिनिधि नामित किया जाना लोकतंत्र की हत्या तथा राज्य सरकार की तानाशाही का प्रतीक है। कांग्रेस पार्टी राज्य मंत्रिमण्डल के इन फैसलों का विरोध करते हुए मांग करती है कि राज्य मंत्रिमण्डल के निर्णय को वापस लिया जाय तथा जिला नियोजन समितियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों के रिक्त पदों पर चुनाव सम्पन्न कराये जांए।

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