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सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की रिपोर्ट को क्यों सार्वजनिक नहीं किया जा रहाः मोर्चा

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट को लगभग डेढ़ साल से सार्वजनिक न किए जाने के मामले में मा. सूचना आयोग ने शासन से रिपोर्ट तलब कर पूछा है कि पत्रावली पर क्यों करवाई नहीं हो रही है तथा क्यों जांच रिपोर्ट से संबंधित दस्तावेज मोर्चा को उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं ? उक्त मामले में मा. सूचना आयोग के निर्देश के क्रम में सहकारिता विभाग ने बताया कि 23 दिसंबर 2022 को चयन समिति का पक्ष रखने हेतु पत्र प्रेषित किया गया तथा 13 फरवरी 2023 को रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई।
शासन द्वारा जांच रिपोर्ट का परीक्षण कर कार्मिक विभाग से परामर्श प्राप्त कर किया गया तथा दिनांक 10 मई 2023 को आरक्षण संबंधी बिंदुओं का परीक्षण कराए जाने हेतु जांच अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया तत्पश्चात जांच अधिकारी द्वारा 9 जून को जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई गई द्य उक्त के उपरांत पत्रावली दिनांक 9ध्6ध्23 को सचिव, सहकारिता को प्रस्तुत की गई तथा दिनांक 3 सितंबर 2023 को पत्रावली उच्च स्तर पर निर्णार्थ प्रस्तुत की गई। यानी घोटाले की जांच से जनता का ध्यान हटाने के लिए जांच पर जांच की जा रही है। पत्रावली को अनावश्यक रूप से घुमाया जा रहा है। प्रतीत होता है बहुत बड़े वाले सफेदपोशों का इस घोटाले में हाथ है। मोर्चा पहले भी उक्त घोटाले की सीबीआई जांच की मांग कर चुका है। नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था ,जिसको लेकर सरकार ने 01 अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित की थी। नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए में बेचा गया। मोर्चा राजभवन से मामले का संज्ञान लेने की मांग करता है।

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