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मुस्लिम यूनिवर्सिटी विवाद में मुख्य किरदार पर क्यों खामोश हैं हरदाः चौहान

देहरादून। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर भाजपा पर हमलवार तो रहे है, लेकिन इसके सूत्रधार रहे अपने नेताओं की की ओर वह चुप्पी साध गए ऐसा सरासर तुष्टिकरण के कारण किया गया। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान ने विनम्रता से पूर्व सीएम से पूछा कि कांग्रेस से इस मांग को उठाने वाले नेता अब कहाँ है और उन्होंने उन्हे लेकर पार्टी मे क्या राय सुमारी की, क्योंकि पूर्व मे यह भी सामने आया कि उक्त नेता हरिद्वार की एक विशेष सीट पर कमान संभाल रहे थे। चैहान ने याद दिलाया कि तब हरदा ने उनकी नियुक्ति को लेकर अनभिज्ञता जतायी थी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की मांग करने वाले नेता ने सफाई मे अपनी मांग की पुष्टि की थी। लेकिन हरदा उनके कथन को भाजपा के माथे डालने की कोशिश करते रहे है और इसी कारण जनता को कांग्रेस की बात पर विश्वास नही है।
चैहान ने कहा कि अगर, कांग्रेस और हरदा उनके बयान पर कोई कानूनी कार्यवाही अथवा दल से अनुशासनात्मक कार्यवाही करती तो उसकी नीयत पर कोई शंका उत्पन्न नही होती। सच यह है कि कांग्रेस तुष्टिकरण का लाभ भी लेना चाहती थी और जनता को असलियत समझ मे आते ही नकारे जाने पर इसका दोष भाजपा पर मढ़ती रही है। जिस स्थान के परिपेक्ष्य मे यह मांग उठाई गयी कांग्रेस को वहाँ भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा, क्योंकि वह धुर्विकरण करने की कोशिश का नतीजा प्रदेश भर मे हुआ। उन्होंने कहा कि वह लगातार ऐसी कोशिशों मे जुटे है और देश के महान क्रांतिकारी सावरकर को लेकर भी अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं। कांग्रेस छटपटा रही है और उसे आगामी लोक सभा चुनाव मे भी तुष्टिकरण भारी पड़ने वाला है। अपनी खामियों को दूसरों के सिर पर मढ़ने से वह सिमटती जमीन को नही बचा सकती है।

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