Uttarakhand

वेलमेड हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने दुर्लभ सर्जरी कर मरीज को दिया जीवनदान

देहरादून।  वेलमेड हॉस्पिटल में पहली बार दिमाग की सर्जरी और हृदय इंटरवेंशन सर्जरी एक साथ की गई। इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को उत्तराखंड के वरिष्ठ  हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. चेतन शर्मा व न्यूरोसर्जन डॉ. नागेन्द्र सिंह रावत, एनेस्थेटिस्ट डॉ. शेखर बाबू व डॉ़. नेहा काठौर ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
      गौरतलब है कि देहरादून निवासी छोटेलाल के दिमाग के पिछले हिस्से में रक्तस्राव हो रहा था। मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत दिमाग की सर्जरी करने की आवश्यकता थी, लेकिन मरीज का ब्लड़ प्रेशर बहुत हाई था और हार्ट रेट बहुत कम। कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. चेतन शर्मा द्वारा जांच करने पर पाया गया कि मरीज के हार्ट में ब्लाकेज है। ऐसी हालत में मरीज की न्यूरो सर्जरी करना बहुत खतरनाक था, इसलिए डॉक्टरों ने मरीज के दिल और दिमाग का इलाज एक साथ करने का फैसला लिया।
      इसके लिए पहले मरीज को टेम्पररी पेसमेकर दिया गया और फिर दिमाग की सर्जरी की गई। सर्जरी पूरी होते ही मरीज को परमानेंट पेसमेकर लगा दिया गया। जिसके बाद मरीज को कुछ समय के लिए वेंटीलेटर में रखा गया। 15 दिनों तक चिकित्सकों की निगरानी में रहने के बाद अब मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुका है। यह सर्जरी बहुत ही चुनौतीपूर्ण और जोखिम से भरी थी लेकिन वेलमेड हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने किसी भी जोखिम को दरकिनार करते हुए मरीज की जान बचाने में सफलता प्राप्त की।
      वेलमेड हॉस्पिटल में हुई  प्रेस वार्ता में डॉ. चेतन शर्मा ने बताया कि वेलमेड हॉस्पिटल  हर मेडिकल चुनौती के लिए खुद को तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा यही प्रयास होता है कि हर मरीज हमारे अस्पताल से स्वस्थ होकर घर जाएं। उन्होंने मरीज को शॉ़ल ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। डॉ. नागेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस सर्जरी की सफलता का श्रेय पूरी टीम को जाता है। सभी डॉक्टरों ने मरीज को बचाने के लिए अपना 100 प्रतिशत दिया। वहीं क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के वरिष्ठ डॉ. शेखर बाबू ने कहा कि इस केस में हमारे समाने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मरीज का बल्ड़ प्रेशर बहुत ज्यादा था और सर्जरी के लिए ब्लड़ प्रेशर को कंट्रोल करना बहुत जरूरी था। इसके अलावा मरीज को उल्टा लिटाकर दिमाग की सर्जरी करनी थी जबकि मरीज के हृदय में टेम्पररी पेसमेकर लगाया गया था लेकिन पूरी टीम के सहयोग से इन चुनौतियों का सामना करते हुए हमने सफलतापूर्वक सर्जरी की।
वहीं मरीज के घरवालों ने पत्रकारों से कहा कि वह डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. नागेन्द्र सिंह रावत और पूरे वेलमेड हॉस्पिटल का शुक्रिय़ा अदा करना चाहते हैं, जिन्होंने उनके मरीज की जान बचाई और उनका मनोबल बढ़ाया।
       इस मौके पर डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. नागेन्द्र सिंह रावत, डॉ. शेखर बाबू, डॉ. नेहा काठौर,  सौरभ शर्मा,  विशाल शेट्टी,  अजय सिंह नेगी,  सुनील ककुरेती,  दुर्गेश सिंह डॉ. ईशान शर्मा, डॉ. अजहर जावेद आदि मौजूद थे।

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