बच्छणस्यूं पट्टी के गांवों में पानी का संकट
-आपदा से क्षतिग्रस्त हुई पेयजल योजना, जांच की मांग
-जल्द पानी की आपूर्ति बहाल करें अधिकारीः डिमरी
रुद्रप्रयाग। बच्छणस्यूं क्षेत्र में खडीकपाणी-बामसू-चैथला-बाड़ा पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट गहरा गया है। स्थानीय लोगों ने पेयजल आपूर्ति बहाल करने के साथ ही पेयजल योजना की जांच की मांग की है।
पिछले दिनों भारी बारिश के कारण खडीकपाणी से निर्मित बामसू-चैथला-बाड़ा पेयजल योजना कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या हो गई है। लोग हैंडपंप और अन्य स्रोतों से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। विभागीय इंजीनियरों के न पहुँचने पर ग्रामीण खुद ही योजना की मरम्मत के लिए पहुँच गए। लेकिन कई स्थानों पर योजना के क्षतिग्रस्त होने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई।
प्रधान सुधा कंडारी, सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम कंडारी, रमेश कंडारी ने कहा कि घटिया निर्माण के चलते पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हुई है। निर्माण के बाद से ही यह योजना हवा में झूल रही थी। उन्होंने कहा कि इस योजना में घटिया मटीरियल का उपयोग किया गया। साढ़े नौ किमी की इस योजना के निर्माण में करीब एक करोड़ रुपये खर्च हुए थे। ग्रामीणों ने कहा कि योजना को क्षति पहुँचने से पानी का संकट गहरा गया है। सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम कंडारी ने बताया कि पेयजल स्रोत पर बनाया चैंबर खराब पड़ा है। पानी की सप्लाई सीधे गदेरे से हो रही है। ग्रामीणों ने पूरी योजना का निरीक्षण कर दिया है। यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने जल संस्थान और जल निगम को प्रभावित गांव में जल्द पेयजल आपूर्ति बहाल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस समय अधिकारियों को समर्पित होकर जनसेवा में जुट जाना चाहिए। आपदा के बाद अधिकतर गांवों में पानी का संकट बना हुआ है। इस संकट को दूर किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बामसू-बाड़ा पेयजल योजना निर्माण की भी जांच होनी चाहिए। यह योजना निर्माण के बाद से ही सवालों के घेरे में है।