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व्यापारियों ने सरकार से दुकानें खाले जाने की अनुमति की मांग की

हरिद्वार। आज हम व्यापारियों के सामने  रोजगार और अपने परिवार, अपने परआश्रित कर्मचारियों के परिवारों को पालने की एक गम्भीर परिस्थिति पैदा हो गई है, आज लगभग 40 दिन हो गए हैं और व्यापार बंद पड़े हैं जिसमें मुख्य रुप से कपड़े का व्यापार, ज्वेलर्स का व्यापार, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार और जनरल मर्चेंट ,जूता, रेडीमेट, एसपेयर पार्ट ,होटल,का व्यवसाय और कई व्यापार इसमें शामिल है, लेकिन देश और प्रदेश में करोना महामारी को देखते हुए व्यापारी अभी तक चुप ही रहा है और सरकार के पूरे आदेश का पालन किया है,  अब स्थिति बड़ी नाजुक हो गई है  सरकार ने अपनी आय के कोई भी कार्यालय बंद नहीं किए हैं और व्यापारियों के ऊपर देनदारी बराबर बनी हुई है, चाहे बैंकों के ब्याज ही हो या अपने कर्मचारियों की तनख्वाह  हो, बिजली, पानी ,दुकानों के किराए,हाउसटेक्स,  आयकर, जीएसटी कर, व अन्य किसी भी तरह के  शासकीय कर की देनदारी हो, वह व्यापारी  पर बनी हुई है, व्यापारियों को अपने घर गृहस्थी और अपने कर्मचारियों के परिवार को पालने के लिए बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और व्यापारी मजबूरी में कुछ कह नहीं पा रहा है,स्थानिये  व्यापारियों द्वारा ही रोज भंडारे एवं सभी प्रकार के कैम्प लगाये  जा रहे है जबकि सरकार ने  सरकारीगल्ले की दुकानें,  सिडकुल की फैक्टरियां  भेल,प्रापर्टी वालों के लिये रजिस्ट्रार ऑफिस, हार्डवेयर और निर्माण संबंधित सभी दुकाने खोलने के आदेश दे रखे हैं जिसको देखते हुए लग रहा है सरकार  में बैठे  मंत्री एवं नेता लोग  व्यापारियों की वेदना को समझ नहीं पा रहे हैं,अब कॅरोना के केस भी कम हो गये है सरकार से पिछले लगभग एक सप्ताह से मांग उठ रही है की सभी व्यापारियों को सोशल डिस्टेंस के साथ  कुछ समय के लिये बाजार खोलने की अनुमति प्रदान की जाये,  जिसका कोई प्रभाव सरकार पर नहीं पड़ता नहीं दिख रहा है।  अब हम व्यापारियों को अपना, व अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के परिवार और सारे सरकारी भुगतान को देने के लिए  खुद कदम उठाने पड़ेंगे और सरकार से अपने व्यापार को खोलने के लिए एक सप्ताह से लगातार मांग कर रहे है जिससे सरकार 1  तारीख से पहले-पहले बाजार खोलने के लिए कोई ना कोई निर्णय ले ले!  हम शासन के बिलकुल खिलाफ नहीं हैं, हमें शासन के आदेशों का पालन करना है लेकिन सरकार के सामने अपनी समस्याओं को रखते हुए सरकार से मांग करते है कि इस स्थिति परिस्थिति को देखते हुए हमें अपने-अपने प्रतिष्ठान खोलने आज आपसे बहुत बहुत  उसकी एक वजह यह है कि आज हम व्यापारियों के सामने एक रोजगार और अपने परिवार, अपने आश्रित कर्मचारियों के परिवारों को पालने कि एक गम्भीर परिस्थिति पैदा हो गई है, साथियों मेरा निवेदन आपसे यह है कि आज लगभग 40 दिन हो गए हैं और व्यापार बंद पड़े हैं जिसमें मुख्य रुप से कपड़े का व्यापार, ज्वेलर्स का व्यापार, इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार और जनरल मर्चेंट ,जूता, रेडीमेट, एसपेयर पार्ट ,होटल,का व्यापार और कई व्यापार इसमें शामिल है, लेकिन देश और प्रदेश में करोना महामारी को देखते हुए व्यापारी अभी तक चुप रहा है और सरकार के पूरे शासन आदेश का पालन किया है, साथियों अब स्थिति बड़ी नाजुक हो गई है बात यह है कि सरकार ने अपने राजस्व के कोई भी कार्यालय बंद नहीं किए हैं और व्यापारियों के ऊपर देनदारी बराबर बनी हुई है, चाहे बैंकों के ब्याज ही हो या अपने कर्मचारियों की तनख्वाह  हो, बिजली, पानी ,दुकानों के किराए,हाउसटेक्स, चाहे किसी प्रकार का आयकर जीएसटी कर, किसी भी तरह के  शासकीय कर की देनदारी हो, वह लगातार व्यापारी  पर बनी हुई है, व्यापारियों को अपने घर गृहस्थी और अपने कर्मचारियों के परिवार को पालने के लिए बहुत बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है और व्यापारी मजबूरी में कुछ कह नहीं पा रहा है, देखने में ऐसा आ रहा है कि सरकार ने  सरकारीगल्ले की दुकानें,  सिडकुल की फैक्टरियां  भेल,प्रापर्टी वालों के लिये रजिस्ट्रार ऑफिस, हार्डवेयर और निर्माण संबंधित सभी दुकाने खोलने के आदेश दे रखे हैं जिसको देखते हुए लग रहा है सरकार  में बैठे नेता लोग  व्यापारियों की वेदना को नहीं समझ पा रहे हैं,अब कॅरोना के केस भी कम हो गये है पिछले लगभग 10 दिन से मांग उठ रही है सरकार से कि सरकार सभी व्यापारियों को कुछ समय के लिये बाजार खोलने की अनुमति प्रदान करें, परंतु देखने में यही आया है कि जिसका कोई प्रभाव सरकार पर नहीं पड़ता नहीं दिख रहा है। साथियों अब व्यापारी को अपना,  अपने व अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के परिवार और सारे सरकारी दायित्व को भुगताने के लिए  खुद कदम उठाने पड़ेंगे और सरकार से अपने व्यापार खोलने के लिए नीति  बनाने की मांग करनी पड़ेगी, मांग सरकार तक पहुंचाएं जिससे सरकार 1  तारीख से पहले-पहले बाजार खोलने के लिए कोई ना कोई निर्णय ले ले!  हम शासन के बिलकुल खिलाफ नहीं हैं, हमें शासन आदेश का पालन करना है लेकिन सरकार के सामने अपनी समस्याओं को रखते हुए सरकार से मांग है कि इस स्थिति परिस्थिति को देखते हुए हमें अपने-अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दी जाए भले ही वह  एक दिन में 6 घंटे खुले लेकिन सभी की दुकानें  खुले अनुमति दी जाए भले ही वह  एक दिन में 6 घंटे खुले लेकिन सभी की दुकानें  खुले

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