विनेश, बजरंग, सुमित, साक्षी और मनोज की पुरस्कार राशि पर फंसा पेंच
चंडीगढ़। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में देश के लिए मेडल जीतने वाले हरियाणा के पांच खिलाडिय़ों की पुरस्कार राशि पर पेंच फंस गया है। इन खिलाडिय़ों में तीन सोना जीतने वाले और दो कांस्य पदक विजेता शामिल हैैं। पांचों हालांकि खिलाड़ी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले तो हैैं, लेकिन उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में देश का प्रतिनिधित्व रेलवे की तरफ से किया है। इनमें कुश्ती में गोल्ड मेडल विजेता विनेश फौगाट, बजरंग पुनिया तथा सुमित मलिक, कुश्ती में ही कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और मुक्केबाजी में कांस्य पदक विजेता मनोज कुमार शामिल हैं। राज्य की नई खेल नीति में प्रावधान है कि जो खिलाड़ी मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैैं और प्रदेश के लिए ही खेलते हैैं, मेडल जीतने पर वही नकद पुरस्कार राशि हासिल करने के पात्र होंगे। खेल नीति के मुताबिक गोल्ड मेडलिस्ट को 1.50 करोड़, रजत पदक विजेता को 75 लाख और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को 50 लाख रुपये देने का प्रावधान है। राज्य सरकार ने हाल ही में इन पदक विजेताओं के लिए एचसीएस और एचपीएस अधिकारी बनाने का प्रावधान भी किया है। ऐसे में सरकार जब तक अपनी मौजूदा खेल नीति में बदलाव कर इन पांचों खिलाडिय़ों को हरियाणा का नहीं मानती, तब तक न तो इन्हें पुरस्कार राशि मिलेगी और न ही अधिकारी बनने का मौका मिल सकेगा। हरियाणा सरकार को पहले ही आभास हो गया था कि खिलाडिय़ों की पुरस्कार राशि पर पेंच फंस सकता है। लिहाजा खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के प्रधान सचिव डा. अशोक खेमका ने पॉलिसी में बदलाव का एक प्रारूप खेल मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री के पास भेज दिया। इस प्रस्ताव में नया प्रारूप तैयार किया गया कि हरियाणा मूल के सभी खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। यह फाइल इन खिलाडिय़ों के पदक जीतने से पहले ही मूव कर दी गई थी।