Uttarakhand

विधानसभा के अंतिम दिन विपक्ष के विरोध के बीच देवस्थानम विधेयक (उत्तराखंड चार धाम श्राइन प्रबंधन विधेयक) पारित

देहरादून। विधानसभा के अंतिम दिन करीब सवा तीन घंटे की चली चर्चा और विपक्ष के विरोध के बीच देवस्थानम विधेयक (उत्तराखंड चार धाम श्राइन प्रबंधन विधेयक) पारित हुआ। विपक्ष ने विधेयक पारित करने पर सदन से वॉकआउट किया। विधेयक का नाम बदलने सहित कुछ अन्य संशोधनों से अब चारों धामों और इनके अधीन 54 मंदिरों की प्रबंधन व्यवस्था में बदलाव का रास्ता साफ हो गया। विपक्ष की ओर से इस विधेयक को प्रवर समिति के हवाले करने की भी मांग की जा रही थी। इसके अलावा सदन में दंड प्रक्रिया संहिता विधेयक भी पारित किया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सदस्यों ने अल्मोड़ा में हरी प्रसाद टम्टा शिल्पकला केंद्र को बजट न मिलने पर विधानसभा में धरना दिया।
भोजन अवकाश के बाद के सत्र में सरकार ने इस विधेयक पर दो घंटे की चर्चा कराना तय किया। कांग्रेस की ओर से इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपे जाने की मांग की गई। करीब ढाई घंटे की चर्चा के बाद ध्वनिमत से यह विधेयक संशोधन के साथ पारित हुआ। अब इस विधेयक का नाम बदलकर देवस्थानम विधेयक कर दिया गया। हालांकि पहले कहा गया था कि सत्र की अवधि को बढ़ाया जा सकता है लेकिन विधेयक पारित होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया । इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डा.इंदिरा हृदयेश ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत टीएचडीसी के विनिवेश का मुद्दा उठाया। नियम 58 में इसको सुने जाने का पीठ से आश्वासन मिलने के बाद विपक्ष ने सामान्य रूप से प्रश्नकाल चलने दिया। शून्य काल में रानीखेत विधायक करन माहरा ने आश्वासन समिति को अधिकारियों की ओर से रिपोर्ट न देने के मुद्दे को विशेषाधिकार हनन के तहत उठाया। इस पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जांच का आश्वासन दिया। प्रश्नकाल में भी कई सवालों ने समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को असहज किया।  दंड संहिता प्रक्रिया (उत्तराखंड संशोधन ) विधेयक 2019 भी सदन से पारित हुआ।

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