देहरादून। दिनाक 22 फरवरी 2020 को भव्य जैन पुत्र श्री जितेंद्र जैन नि0 सी-404 पट्टीग्राम अपार्टमेंट सोसाइटी, भगत सिंह पथ बजरंगपुरी, बिस्कोमॉन कॉलोनी पटना बिहार। हाल जंगल व्यू रिट्रीट, देहरादून ने थाना राजपुर, देहरादून आकर लिखित शिकायत दी कि एक व्यक्ति जिसका नाम ज़ाकिउल्लाह ज़ाहिराहमद पारकर उर्फ जैक पारकर जो ऑस्ट्रेलिया सिटीजन है, मेरी साली नंदिता इसको करीब 2015 से जानती हैं, और उसके साथ काम कर रही है, अपनी साली के माध्यम से ही मेरी इससे मुलाक़ात हुई थी, क्योंकि ये ऑस्ट्रेलियन सिटीजन है, मै ऑस्ट्रेलियाई pr के लिए इनसे सलाह लिया तो इसके बदले में उन्होंने मुझे अपनी कंपनी बुलियन बैट्स, जो क्रिकेट का सामान बनाती है, ऑस्ट्रेलिया pvt ltd में जॉब का आफर दिया, इन्होंने मुझे एक nexia corporation, जो ऑस्ट्रेलियाई कंपनी है, जिस पर इसने मुझे उस कंपनी के लैटर हेड और अपनी कंपनी के लैटर हेड पर पेपर भेजे, अपनी पुष्टि के लिए मैने अपनी साली से सलाह ली जो इस कंपनी में कार्यरत थी, और वह सब पेपर सही दिखाए गए, इन दोनों कंपनी में सैलरी का पूरा व्योरा दिया था कि मुझे इस जॉब के लिए कितना पैसा देना है, और मुझे इस आदमी ने कहा कि यह पैसा मुझे इंडिया में दिया जाए, और वह अपनी कंपनी से सारा पैसा देकर मेरा pr/ work permit कराएंगे, मैने अपने डॉक्यूमेंट इसको दिए, इसने मुझसे इस जॉब के लिए बदले में 27 लाख रुपये और नंदिता से 14 लाख रुपये लिए, यह रुपया किसी शुभम मीर शर्मा के तीन बैंक के खातों में डलवाया गया, आज मुझे व मेरी साली को पता चला कि इस व्यक्ति ने जिस अकॉउंट में पैसा डलवाया था, वह फर्जी दूसरे नाम से बनाये हुए अकाउंट भी इसी के है, नेट के माध्यम से कंपनी के संबंध में जानकारी ली गयी तो मालूम हुआ कि उक्त बुलियन बैट्स नाम की वर्तमान में कोई कंपनी नही है, और यह कंपनी 2015 में बंद हो चुकी है, इसका असली नाम ज़ाकिउल्लाह ज़ाहिरहमद पारकर है और इसके द्वारा शुभम मीर शर्मा के नाम से फर्जी खाते खुलवाए गये है तथा इसी नाम से इसने आधार व पैन कार्ड आदि भी बना रखे हैं, इसके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर हम दोनों से करीव 41 लाख रुपये विदेश में नौकरी का झासा देकर हड़प लिए है, तथा यह व्यक्ति वर्तमान में देहरदून में ही है। इस सूचना पर तत्काल उचित धाराओ में अभियोग पंजीकृत कर पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को अवगत कराया गया, जिस पर महोदय द्वारा उक्त प्रकार के फ़्रॉड को गंभीरता से लेते हुए उक्त मामले की गहनता से जांच कर अंतरराष्ट्रीय फ़्रॉड अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए, जिस पर पुलिस अधीक्षक नगर व co डालनवाला के निकट पर्यवेक्षण तथा थानाध्यक्ष राजपुर के नेतृत्व में थाना स्तर पर टीम गठित कर जांच प्रारम्भ की गई, जिसमे ज्ञात हुआ कि उक्त व्यक्ति पूर्व में ऑस्ट्रेलिया में भी फ़्रॉड के केस में 6 महीने जेल रह चुका है, वहा पर भी लोगो से फ़्रॉड करके पैसा ऐंठकर भारत आ गया था, उक्त अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु लोकल पुलिस सूत्रों को अवगत कराते हुए उसकी तलाश प्रारम्भ की गई। इसी क्रम में आज दिनांक 23 फरवरी को सूचना मिली कि उक्त व्यक्ति भागने के फिराक में है, इस सूचना पर उक्त व्यक्ति को मसूरी रोड से गिरफ्तार करने सफलता प्राप्त की गई, जिसके कब्जे से एक पास पोर्ट, फर्जी नाम से आधार कार्ड व पैन कार्ड , लैपटॉप,मोबाइल आदि बरामद हुए।
नाम पता गिरफ्तार अभियुक्त*
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ज़ाकिउल्लाह ज़ाहिराहमद पारकर पुत्र स्व0 ज़ाहिर पारकर नि0 58 नाटिंघम गार्डन्स बल्लजुरा (w a) 6066, ऑस्ट्रेलिया। उम्र 53 वर्ष।
फर्जी नाम- शुभम मीर शर्मा पुत्र मीर शर्मा नि0 80/633 महृषि नगर, पुणे शहर, महाराष्ट्र-411037
*बरामदगी का विवरण*
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1-फर्जी नाम से एक आधार कार्ड
2-फर्जी नाम से एक पेन कार्ड
3- असली नाम का expire australian पास पोर्ट
4- एक लैपटॉप (एप्पल कंपनी)
5-एक मोबाइल फ़ोन (वीगो कंपनी)
6- 4 चेक बुक (बिभिन्न बैंक)
पूछताछ के दौरान आरोपी जकीउल्ला पार्कर पुत्र जहीर अहमद उम्र -52 वर्ष नि0 58 Nottingttan Garden Ballajura Westeron Austrailia 6066 हाल- 704 बेस्ट पार्क एवेन्यू मालसी मसूरी रोड़ राजपुर देहरादून ने बताया कि मेरा जन्म मुम्बई का है, मेरे पिता जहीर अहमद रत्नागिरी महाराष्ट में पॉलीटैक्निक कॉलेज में टीचर थे, माता मुमताज गृहिणी थी। मेरी एक बहिन जाकिरा है, जो कि आस्ट्रेलिया में अपने पति बदरूद्दीन के साथ रहती है । मैने 10 वीं रत्नागिरी से करी तथा 11वीं से MA (साइकोलॉजी)तक की पढ़ाई पुणे यूनिवर्सिटी के करी । मेरी बहिन आस्ट्रेलिया में रहती थी तो उसने हम सभी को आस्ट्रेलिया बुलाया तो वर्ष 1991 में हम सब लोग आस्ट्रेलिया चले गये । मेरे पिता ने वहां Dianella में टीचर की नौकरी करी तथा वर्ष 2008 में वह रिटायर हुए । मैने आस्ट्रेलिया पहुँचकर पहले 06 माह टेली मार्केटिंग में जॉब करा, फिर गोल्ड माईनिंग की कम्पनी में लगभग 1 साल काम किया। वर्ष 1992 में मेरी शादी शर्मिला से आस्ट्रेलिया में हुई, शर्मिला और मैने पूणे यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ाई करी थी। हमारे 14 साल के 02 जुड़वा बच्चे हैं, एक लड़का समीर व लड़की सारा है । वर्ष 1993 में मुझे जुआ खेलने की लत लग गयी थी तो मैने किसी से 9 हजार आस्ट्रेलियन डॉलर लिया था तो पैसा न लौटा पाने के कारण मै 6 महीना जेल चला गया । वर्ष 1997 में मेरी एक सरकारी विभाग के ट्रेनिंग डिपार्टमेंट में काउंसलर के पद पर नौकरी लग गयी, मैने उसी डिपार्टमेंट में परमोशन कर मैनेजर बन गया । वर्ष 2005 के अंत में मुझे दुबई से जॉब ऑफर हुई और वर्ष 2006 में मैने दुबई में G4S कम्पनी में रीजनल डायरेक्टर ऑफ हूमन रिसोर्स के पद पर वर्ष 2011 तक काम किया, फिर उसके बाद में आस्ट्रेलिया वापस चला गया और वर्ष 2012 में मैने आस्ट्रेलिया में सरकारी विभाग में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में मैनेजर की जॉब शुरू करी । मुझे जुए की लत पहले से ही थी, जिसमें मेरा काफी पैसा डूब जाता था और घर में मेरा पत्नी से भी झगड़ा होता रहता था। वर्ष 2015 में मैने अपनी 60 हजार आस्ट्रेलियन डॉलर की Bullian कम्पनी खोली, जिसमें क्रिकेट के सामान आदि बनाये जाते थे, इसके लिए सामान का ऑर्डर देने के लिए मै इण्डिया आता जाता था । वर्ष 2015 में मैने लिंक्ड इन पर नंदिता को मैसेज किया था तो उसने रिप्लाई किया था कि वह Bata कम्पनी में काम कर रही है। मै अपनी कम्पनी में लैदर के बैग इत्यादि बनाता था, नंदिता को इस सम्बन्ध में अच्छी जानकारी थी तो मैने उसे वर्ष 2017 में अपनी आस्ट्रेलियन Bullian कम्पनी में ऑपरेशनल मैनेजर के लिए ऑफर किया तो तब से वह मेरे साथ काम कर रही थी, नंदिता की सैलरी 80 हजार थी । वह उस समय गुड़गांव में रहती थी और जब भी मै इण्डिया में जालन्धर व मेरठ में अपने ऑर्डर की देखरेख हेतु यहां आता था तो उससे मिलता था और गुड़गांव में ही उसके साथ फ्लैट पर रहता था । फिर वर्ष 2018 में हमने यहां मालसी में फ्लैट लेकर रहने लगे । नंदिता ने मुझसे कहा था कि उसके ब्रदर इन लॉ चाईना में जॉब कर रहा है, तो जब कभी नंदिता कम्पनी के काम से चाईना जाती थी तो उसके सभी कम्पनी के खर्चे वही उठाता था, तो मैने कहा था कि कम्पनी के टूर पर हुए खर्चें को मै दे दूँगा । नंदिता नें मुझसे कहा था कि उसके ब्रदर को जॉब के लिए आस्ट्रेलिया जाना है, तो मैने अपने व अपने दूसरे नाम के खातों में लाखो रू0 मंगाये, मैने उससे लगभग 26 लाख रू0 आस्ट्रेलिया में नौकरी लगाने के नाम पर ले लिये । वर्ष 2018 में ही मेरी पत्नी और मेरे बीच काफी झगड़ा होने लगा था तो वहां पर हमने डिवोस के लिए एप्लाई कर दिया फिर जब मै देहरादून आया तो मेरे देहरादून पहुँचने के 02 दिन बाद ही मेरी माता जी की मृत्यू हो गयी और मेरे पिता की वर्ष 2012 में मृत्यू हो चुकी थी। कम्पनी को बहुत घाटा हो चुका था तो नंदिता से भी मैने नौकरी लगाने के एवज में 13 लाख रुपये ले लिए थे और कई लोगो से भी नौकरी के नाम पर ऑस्ट्रेलिया में लाखों रुपये ले लिए थे, जब वहां लोग परेशान करने लगे तो मैं इंडिया भाग आया था । मै मुस्लिम था और नंदिता हिन्दू थी, जिससे मुझे नंदिता के साथ होटल, फ्लैट में रूकने मे परेशानी होती थी तो मैने अपनी पहचान छिपाने के लिए शुभम मीर शर्मा के नाम से अपना फर्जी आधार कार्ड, पेन कार्ड बनाये व बैंक खाता भी खुलवाया तथा मुम्बई में भी कई लोगो से नौकरी के नाम पर इन्ही खातों में पैसा मंगाया था, चूँकि मेरी कम्पनी बंद हो चुकी थी और मैने नंदिता, भव्य जैन व अपने दोस्त आदि लोगों से आस्ट्रेलिया में नौकरी के नाम पर लाखों रू0 हड़प लिया था इसलिए मै अब आस्ट्रेलिया भागने की फिराक में था तो भव्य जैन व नंदिता की कम्पलेन पर पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।