विश्व रेडक्रास दिवस के उपलक्ष्य में विचर गोष्ठी आयोजित
देहरादून। विश्व रेडक्रास दिवस के उपलक्ष्य में राजकीय इण्टर कॉलेज अजबपुर कलां, देहरादून तथा रूम टू रीड ट्रस्ट द्वारा विद्यालय सभागार में विचार गोष्ठी के साथ ही प्राथमिक चिकित्सा एवं आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा, प्रधानाचार्या नर्वदा राणा, एन० एस० एस० अधिकारी दीप्ति रावत, रुम टू रीड ट्रस्ट की सोशल मोबिलाईजर नीलम होल्कर, प्रियंका पटे, शिवांगी नेगी आदि द्वारा विश्व रेडक्रास के संस्थापक हेनरी ड्यूनेंट को श्रद्धांजलि अर्पित करके हुआ। विचार गोष्ठी में विषय प्रवेश करते हुए नीलम होल्कर ने कहा कि हेनरी ड्यूनेंट महान् मानवतावादी थे। हमारे ट्रस्ट का साक्षरता कार्यक्रम भी मानवतावादी दृष्टिकोण पर आधारित है, कि प्रगति के अवसर असमान रूप से वितरित नहीं होने चाहिए। यह देश का एकमात्र बच्चों का शिक्षा कार्यक्रम है, जो साक्षरता कौशल और पढ़ने की आदत दोनों सिखाता है। हमारा बालिका शिक्षा कार्यक्रम लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा पूरी करने में सहायता करता है।
मुख्य अतिथि व यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता हेनरी ड्यूनेंट को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि जिनेवा स्विट्जरलैंड में 08 मई 1828 में जन्मे नोबेल पुरस्कार से अलंकृत हेनरी डयूनेंट बचपन से ही मानवीय , नैतिक एवं धार्मिक मूल्यों के पक्षधर थे। सन् 1859 में फ्रांस एवं आस्ट्रिया के मध्य हुए साॅल्फेरिनो के युद्ध के दौरान दोनों पक्षों के गंभीर रूप से घायल सैनिकों को चिकित्सा सेवाओं के अभाव में तड़पते व दम तोड़ते हुए उन्होंने स्वयं देखा था। जिसे देखकर उन्होंने एक पुस्तक ष्ए मेमोरी ऑफ सेल्फेरिनो ष् में युद्ध के दौरान अपनी आंखों देखी विभीषिकाओं को लिखकर वर्णन किया। उन्होंने बिना किसी देश ,धर्म ,जाति , रंग की सीमा के मानवीय दृष्टिकोण से युद्ध के दौरान सभी सैनिकों के लिए मानवीय नियमों को लागू करवाने का काम करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रास एवं रेड क्रीसेंट सोसायटी की स्थापना की । इसके आज लगभग 192 देश सदस्य हैं। श्री वर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रास के सात अति महत्वपूर्ण मूलभूत सिद्धांतों मानवता , निष्पक्षता , तटस्थता , स्वतंत्रता , स्वैच्छिक सेवा, एकता तथा सार्वभौमिकता पर विस्तृत प्रकाश डाला।
इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम में फर्स्ट एड तथा आपदा प्रबंधन के तहत अनिल वर्मा ने छात्राओं को हार्ट अटैक आदि से मृतप्राय व्यक्ति को पुनर्जीवन प्रदान करने के प्रयास के अंतर्गत सी० पी० आर० यानी कार्डियो पल्मोनरी रीससिटेशन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। इसके अतिरिक्त डेंगू एवं चिकनगुनिया, टी० बी०, एनीमिया, नशामुक्त देवभूमि, रक्तदान-नेत्रदान संकल्प करने तथा ट्रेफिक कंट्रोल के तहत यातायात नियमों का पालन करने की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्या नर्वदा राणा ने रेडक्रास के संस्थापक हेनरी डयूनेंट को अंतर्राष्ट्रीय महान् व्यक्तित्व बताते हुए उनकी मृत्यु के उपरान्त उनकी वसीयत की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि हेनरी डयूनेंट की वसीयत जब खोली गई तो दुनिया यह जानकर आश्चर्यचकित रह गई कि नोबेल पुरस्कार में उन्हें मिली धनराशि तथा लोगों से दानस्वरूप प्राप्त धन का उन्होंने बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया था। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा था कि मुझे न राज्य की कामना है, न स्वर्ग की ,और न ही पुनर्जन्म की। मेरी कामना तो दुरूखी मानवता की पीड़ा को समाप्त करना है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सोशल मोबिलाईजर शिवांगी नेगी ने मुख्य अतिथि अनिल वर्मा द्वारा हेनरी डयूनेंट के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालने तथा अति महत्वपूर्ण विषयों पर सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु विशेष आभार व्यक्त किया। साथ ही प्रधानाचार्या नर्वदा राणा, दीप्ति रावत, नीलम होल्कर तथा प्रियंका पटेल द्वारा आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान करने के साथ ही उत्कृष्ट विचार प्रस्तुतीकरण हेतु आभार व्यक्त किया।साथ ही छात्राओं को पूर्ण अनुशासन में रहकर रूचिपूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सराहना की। कार्यक्रम का कुशल संचालन सोशल मोबिलाईजर प्रियंका पटेल ने किया।