Uttarakhand
वन सुरक्षा से सम्बन्धित सभी पूर्व उपाय समय से किए जायें तथा वन समितियों को सक्रिय किया जाए:-डी0एम0
देहरादून। ‘‘वन सुरक्षा से सम्बन्धित सभी पूर्व उपाय समय से किए जायें तथा वन समितियों को सक्रिय किया जाए’’ यह निर्देश जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कलेक्टेªट सभागार में जिला स्तरीय वन अग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी ने वन विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस, पंचायत, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा, आपदा प्रबन्धन, वन पंचायत आदि सम्बन्धित विभागों को वन अग्नि सुरक्षा के सम्बन्ध में सामूहिक प्रयास करने तथा वन विभाग को दावानल की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के पूर्व उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को कू्र स्टेशनों को सक्रिय करने तथा आग बुझाने में सहायक उपकरणों और अन्य संसाधनों को आवश्यकतानुसार तैयार रखने, उनकी कार्य करने की प्राथमिकता जांचने और सम्बन्धित कार्मिकों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रासरूट लेबल के कार्मिकों के मोबाईल नम्बरों को अपडेट करने तथा विभिन्न वन प्रभागों में वनाग्नि काल के दौरान जन सहयोग प्राप्ति हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए वनाग्नि की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया में सक्षमता हासिल करने के प्रयास के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न सड़क मार्गों पर साइन बोर्ड पर वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कार्मिक के दूरभाष न0 को तथा पब्लिक डोमेन हेतु अच्छी अपील के साथ ही दोषी पाए जाने पर सख्त वैधानिक कार्यवाही भी अंकित करने के वन विभाग को निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने विकासखण्ड स्तर, न्याय पंचायत स्तर, ग्राम पंचायत व वन पंचायत स्तर पर वन अग्नि सुरक्षा समितियों को सक्रिय करने तथा समन्वय बैठक करते हुए अग्नि सुरक्षा से सम्बन्धित पूर्व उपायों पर संज्ञान लेने के निर्देश दिए। उन्होंने जनजागरूकता के लिए वन विभाग के साथ ही सम्बन्धित उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, लेखपाल और सम्बन्धित ग्राम पंचायत व विकास अधिकारियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए वनों से सटी आबादी में रहने वाले लोगों को जंगल में आग लगाने से होने वाले पर्यावरणीय, स्वास्थ्य, भूमि,पानी, पैदावार, बाढ, वन्यजीव और सूक्ष्मजीव के विनाश इत्यादि सूचित करने तथा आग लगाने के दोषी पाए जाने पर, होने वाली कानूनी सजा के प्रावधानों से परिचित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों को आग जलाने से अच्छी घास उगने जैसे भ्रम को भी दूर करते हुए जल स्रोतों के सूखने, बाढ आने, मिट्टी की उर्वरकता में कमी आने इत्यादि दुष्प्रभावों से भी अवगत करायें।
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जैसे सड़क निर्माण एजेंसियों को सड़क निर्माण व डामरीकरण में तारकोल जलाने के दौरान तथा मजदूरों द्वारा खाना बनाने के उपरान्त जलाई जाने वाली आग को पूरी तरह से बुझाने के निर्देश दिए तथा वनों को आग से बचाने के लिए पूरी सावधानी बरतते हुए कार्य करने को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने वन विभाग, सम्बन्धित उप जिलाधिकारी और पुलिस विभाग को यह भी निर्देश दिए कि जंगल में आग लगाने का दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसे जेल भिजवाएं साथ ही वन संपदा को नुकसान पंहुचाने के जुर्म में जुर्माना भी वसूलें। अन्त में जिलाधिकारी और नोडल अधिकारी/प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान ने सभी लोगों से सार्वजनिक अपील की है कि पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा आकाश प्रकृति के मूल पंचतत्व हमारी सृष्टि के आधार हैं। हम इन्हे बना नहीं सकते, केवल बचा सकते हैं। वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा से इनकी सर्वाधिक सुरक्षा होती है इसके लिए वन अग्नि तथा वनों को क्षति पंहुचाने वाले अन्य कारकों के नियंत्रण में वन विभाग का भी सहयोग करें तथा अपने स्तर पर भी वनों की सुरक्षा का प्रयास करें।
इस दौरान कलेक्टेªट सभागार में जिला अग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, डीएफओ मसूरी वन प्रभाग कहकशां नसीम, पुलिस अधीक्षक क्राइम प्रकाश चन्द्र, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश वरूण चैधरी, मसूरी मनीष कुमार, डोईवाला लक्ष्मीराज चैहान, कालसी संगीता कन्नौजिया, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ अनूप कुमार डिमरी, सहित सम्बन्धित विभागों तथा गैर सरकारी संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।