Uttarakhand
उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के कार्यालय भवन का लोकार्पण
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पर उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने आयोग द्वारा पारित महत्वपूर्ण आदेशों के सेवावार विवरण पुस्तक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार आयोग को स्थाई भवन मिलने से आम नागरिकों को पदान की जाने वाली सेवाओं का लाभ समयबद्धता के साथ उपलब्ध होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के समाधान करना जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों का दायित्व होता है। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम लाने का मुख्य उद्देश्य जन हित से जुड़े सरोकार व जन समस्याओं का समाधान करना है। सेवा के अधिकार में 217 सेवाएं अधिसूचित हुई हैं व 117 सेवाएं जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है। अन्य सेवाओं को भी इस अधिनियम में जोड़ने का प्रयास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समस्याओं का समाधान समय पर होना जरूरी। जन समस्याओं के निराकरण में देरी करने वालों पर दण्ड की व्यवस्था का प्राविधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कड़ा निर्णय लिया है कि जो लोग कार्य के प्रति लापरवाही कर रहे हैं या जिनका आउटकम ठीक नहीं है, उन्हें समय से पूर्व सेवा निवृत्ति पर विचार किया जायेगा। अपने कार्यों के प्रति अधिकारियों व कर्मचारियों का सजग होना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सीएम डैशबोर्ड बनाया गया है, जो आउटकम बेस है। सीएम हैल्पलाईन 1905 पर शिकायतकर्ता यदि कोई शिकायत करता है, तो समस्या का समाधान तब तक नहीं माना जायेगा, जब तक शिकायतकर्ता यह नहीं कहता कि समस्या का समाधान हो गया है। सरकार का प्रयास है कि जन सरोकार से जुड़ी समस्याओं का समय पर समाधान हो। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं का त्वरित समाधान हमारी प्राथमिकता है।
विधायक श्री गणेश जोशी ने कहा कि सेवा अधिकार आयोग के भवन बनने से प्रदेशवासियों की समस्याओं के निराकरण में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, उज्ज्वला जैसी जनहित से जुड़ी योजनाओं को और मजबूती प्रदान करने में आयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त आलोक कुमार जैन ने कहा कि सेवा का अधिकार आयोग में पिछले चार सालों में 17500 मामलों में सुनवाई की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि लोगां को सशक्त बनाने व कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवा का अधिकार आयोग का मजबूत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो सेवाएं इसमें अधिसूचित होनी हैं, यदि वे जल्द अधिसूचित होती हैं, तो जन समस्याओं के निराकरण में और तेजी आयेगी। इस अवसर पर उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के आयुक्त डी. एस. गर्ब्याल, पूर्व आयुक्त सुभाष जोशी, सचिव पंकज नैथानी व अपर सचिव अरूणेन्द्र चैहान आदि उपस्थित थे।