Uttarakhandजन संवाद
उत्तराखंड भू कानून क्या बहुत ही जरूरी है
उत्तराखंड के लिये भू कानून हमेशा से ही चर्चा का विषय रहा है। कणों के उद्देदस्य उत्तराखंड के भू हितों की रक्षा करना है लेकिन इसके पीछे उत्तराखंड के विकास को भी जारी रखना उतना ही आवश्यक है। आइये कुछ बिंदुओं पर चर्चा करते है।
1 मान लीजिए उत्तराखंड में बाहरी लोगों के जमीन खरीदने पर पाबंदी लगा दी जाए तो उत्तराखंण्ड में बाहरी निवेश भी बंद हो जाएगा। नतीजा यह होगा कि जमीनों की कीमत धरासायी हो जाएगी जिसका फायदा यहां के भू माफियो को होगा। जिसके पास गुजरे लायक भूमि से कसम भूमि होगी उसे अपनी भूमि ओनेपोने दाम पर मजबूरी मे स्थानीय व्यक्ति को ही बर्चनी पड़ेगी।
2 उत्तराखंड की जमीनों के दाम यदि आज आसमान छू रहे है और यहां के निवासी धनी हो रहे है तो उसका
मुख्य कारण बाहर के लोगो का यहां बसना और निवेश करना है।
सरकार ने जो भू कानून लागू किया था वह सटीक है। रहने के लिये 300 मीटर स्थान पर्याप्त होता है तथा बाकी क्रय विक्रय सरकार की विकास संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा नियंत्रित करना चाहिए।
क्या है आवश्यक
1 सरकार को ग्रुप हाउसिंग को बढ़ावा देना चाहिए।
2 बिना विकास और ले आउट स्वीकृति प्लॉटिंग करने पर पाबंदी लगनी चाहिए।
3 विकसित कॉलोनीज में बड़े भू भाग वाले प्लॉट्स पर मल्टीस्टोरी फ्लैट्स की अनुमति दी जानी चाहिये।
4 नगरों और उसके आसपास बड़े भू भाग खरीदकर खाली छोड़े गए है। यहां तक कि उनके स्वामियों के अतापता करना भी आसान नही है। इस संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता कि ऐसी संपत्ति में काले धन के बड़े हिस्से का भी प्रयोग किया गया हो। अतः सरकार को तय कर देना चाहिये कि ऐसे स्वामी एक वर्ष के भीतर भवन निर्माण करें और नए क्रेता तीन वर्ष के भीतर भवन निर्माण सुनिश्चित करें। ऐसा न करने पर भूमि मूल्य का पांच प्रतिशत प्रति वर्ष जुर्माना भू स्वामी से वसूल किया जाय। इससे खाली पड़ी जमीन का न केवल उपयोग हो सकेगा बल्कि अनावश्यक जमीन खरीद पर भी रोक संभव हो सकेगी। वस्त्विक उपभोक्ता को उचित दाम पर निवासिय प्लाट उपलब्ध हो सकेगा। विशेष रूप से कम आय वर्ग के लिये अपना घर बनाना सुलभ हो जाएगा।
5 प्रदूषण रहित ओउद्योगिक इकाइयों तथा अन्य उद्योगों को शहर से बाहर केवल चिन्हित क्षेत्रो में ही अनुमति दी जानी चाहिए।
6 सभी कॉलोनीज में निवासिय कल्याण समिति बनाना आवश्यक कर उनमें सभासद अथवा उसके प्रतिनिधि का आमंत्रित सदस्य के रूप में नामांकन किया जाना चाहिए जिससे आवश्यक सेवाओ का परिचालन जनता के सहयोग से किया
जा सके।
7 सघन घनत्व की कॉलोनी को कम से कम रखा जाना चाहिये इसके लिये बिना सवीकृत कॉलोनीज को नियंत्रण किया जाना चाहिए वरना एक स्थिति में कानून व्यवश्था बनाये रखने में भी कठिनाई उत्पन्न होती है।
8 छोटे कृषकों और कुटीर उद्योगों के लिए स्वयं सहायता ग्रुप्स मॉडल को अधिकतम प्रोत्साहन दीया जाना चाहिए जिससे प्लायन को रोकने में बहुत मदद मिलेगी।
लेखकः-एल0एम0 शर्मा