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उत्तराखंड में 2023 -24 का बजट जनविरोधी :-कांग्रेस
*उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी एवं रुद्रप्रयाग जिला अध्यक्ष कुंवर सजवान ने बताया बजट को खोखला*
देहरादून। उत्तराखंड सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में उत्तराखंड के वार्षिक बजट को सही तरीके से प्रस्तुत न करने पर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय रुद्रप्रयाग मैं एक पत्रकार वार्ता के दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी एवं रुद्रप्रयाग जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कुंवर सजवान ने सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा सरकार द्वारा पेश किया गया बजट जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है क्योंकि बजट में बहुत से बिंदुओं को छोड़ दिया गय।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट पेश करने से कुछ दिन पूर्व एक ढकोसला किया कि हम जनता व जनप्रतिनिधियों से राय मशवरा कर आगामी बजट को पेश करेंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और सिर्फ खानापूर्ति की गई हैजोकि धरातल पर तस्वीर ही कुछ अलग है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पलायन आयोग की रिपोर्ट में 6000 गांव ऐसे हैं आज भी जहां सड़क नहीं है वहीं दूसरी रिपोर्ट में 24 घंटे में 230 लोग पर्वतीय इलाकों को छोड़कर मैदानी क्षेत्र में चले जा रहे हैं राज्य की आमदनी जहां 35 हजार करोड़ से ज्यादा नहीं है वही बजट 77 हजार करोड़ के लगभग प्रस्तुत किया है ऐसे में यह बजटीय घाटा सरकार कैसे पटेगी उसको कहीं भी नहीं दर्शाया गया।
उन्होंने कहा सच्चाई तो यह है देश में जीएसटी लागू होने के बाद से उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा जहां उद्योग विभाग को 461 करोड़ का बजट मिला है यह चिंतनीय विषय है उद्योग लगाने के बाद प्रदेश के युवा कितने लाभान्वित हुए हैं जो उद्योगपति यहां इन्वेस्ट कर रहे हैं उनको प्रदेश सरकार की ओर से क्या सुविधाएं दी जा रही हैं और वह बदले में प्रदेश के युवाओं को कितना रोजगार दे रहे हैं यदि इन उद्योगों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिलता तो प्रदेश के युवा आज सड़कों पर नहीं होता कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रदेश में 868000 बेरोजगार पंजीकृत है पिछले वर्ष 121 रोजगार मेले लगाइए जिनमें मात्र 22 29 लोगों को रोजगार मिला वही सरकार राज्य को पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने का ढिंढोरा तो पीटती है परंतु विभाग को इस बजट में 302 करोड़ पर का प्रबंधन किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रश्न यह उठता है जितने पैसे का प्रावधान किया गया है उतना धरातल पर खर्च भी होगा तथा मूलभूत संरचना के लिए ₹60 करोड़ का प्रावधान रखा गया है यह किस आधार पर किया गया क्या सरकार द्वारा किसी प्रकार का सर्वे कराया गया वास्तव में सरकार पर्यटन को विकसित करने के लिए सरकार कितनी इच्छुक है यह बजट राज्य के पर्यटन के हिसाब से ना काफी है उन्होंने कहा कि जहां पिछले बजट में नंदा देवी गौरव योजना में सरकार ने 500 करोड़ का प्रावधान किया था उसको इस बजट में घटाकर 282 करोड़ पर सिमट गया है कुल मिलाकर इस बजट में इतना ही पता चलता है राज्य सरकार ने राजस्व वृद्धि के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं उत्तराखंड राज्य खनन और आबकारी से हो रही अपनी आमदनी पर निर्भर रहेगा साथी चार धाम यात्रा जो कि राज्य की प्रमुख अर्थ हकीकत है सरकार ने उसमें सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर सिर्फ 10 करोड़ के प्रावधान की व्यवस्था रखी है जो चार धाम वाले जनपदों के साथ बहुत बड़ा मजाक है।