Uttarakhand

यूपीईएस द्वारा आयोजित वार्षिक शहीद मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेन्ट के 7वें संस्करण का आज हुआ समापन

देहरादून। भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उनके परिवारों की आर्थिक सहायता करने के लिये यूपीईएस द्वारा आयोजित वार्षिक शहीद मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेन्ट के 7वें संस्करण का आज समापन हुआ। 17 दिसंबर, 2020 को शुरू हुआ टूर्नामेन्ट चौथी गढ़वाल राइफल्स के लांस नायक प्रदीप रावत को याद करने और उनके परिवार को सहयोग देने लिये आयोजित किया गया था, जिन्होंने साल 2018 में उरी में देश के लिये लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया था। वे गढ़वाल जिले की चंबा तहसील के बागी बामुंद गांव के थे। इस बहादुर सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिये माननीय मुख्‍य अतिथि अरविंद पांडे, माननीय स्कूली शिक्षा, वयस्क शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, खेल, युवा कल्याण एवं पंचायती राज कैबिनेट मंत्री और बतौर सम्‍मानीय अतिथि मेजर जनरल राजेन्द्र सिंह ठाकुर ने यूपीईएस के बिडहोली कैम्पस में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उनके परिजनों से बात की। टूर्नामेन्ट से प्राप्त हुए 2,51,000 रुपये का एक चेक बहादुर सैनिक के परिवार को सौंपा गया।  यूपीईएस उत्तराखण्ड से ताल्‍लुक रखने वाले शहीदों के परिवारों को ज्यादा सहयोग देने के लिये प्रोजेक्ट नमन भी शुरू कर रहा है।
      टूर्नामेंट का फाइनल मैच आज यूपीईएस और यूपीसीएल की टीमों के बीच खेला गया। यूपीईएस ने यूपीसीएल के लिए 191 रनों का लक्ष्‍य रखा और 55 रनों से मैच जीता। यूपीईएस के मोहित मियान को 561 रन बनाने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाज का अवार्ड दिया गया और वे अपने चौतरफा प्रदर्शन के लिए सबसे कीमती खिलाड़ी रहे। यूपीसीएल के किरण सिंह को 17 विकट लेने के लिए टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्‍ठ गेंदबाज चुना गया।
        लांस नायक प्रदीप रावत को श्रद्धांजलि देते हुए यूपीईएस के वाइस चांसलर डॉ. सुनील राय ने कहा, ‘‘वह एक बहादुर और साहसी सैनिक था, जिसने सर्वोच्च बलिदान दिया और देश के लिये 28 साल की छोटी सी उम्र में अपने प्राण त्याग दिये। शहीद मेमोरियल टूर्नामेन्ट और नमन हमारी ओर से किये गये छोटे से प्रयास हैं, ताकि उसे और उसके जैसे शहीदों को सम्मानित किया जा सके और उन पर निर्भर लोगों की बेहतर जीवन जीने में मदद की जा सके। शिक्षा और इसकी ताकत से कई तरीकों से इसे संभव बना सकती है।’’ नमन के माध्‍यम से, यूपीईएस ने निम्नलिखित संकल्प लिये हैं:
1.    हर साल एक शहीद के बच्चों की पूरी स्कूली शिक्षा की फंडिंग करना
2.    शहीद पर निर्भर व्यक्ति को रोजगार ढूंढने में सहयोग देना
3.    यूपीईएस- ‘शक्ति’ नामक मौजूदा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के अंतर्गत शहीद की विधवा को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करना और उसका विकास करना
4.    हर साल उत्तराखण्ड के पाँच शहीदों के बच्चों के लिये उच्च शिक्षा की संपूर्ण छात्रवृत्ति की पेशकश करना
श्री अरविंद पांडे ने कहा, “एक शहीद अमर रहता है और आज प्रदीप रावत जैसे शहीदों की जीत है। मैं उच्‍च उद्देश्‍य वाली पहल ‘नमन’ के लिए यूपीईएस को बधाईयां देता हूं।”

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