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उपभोक्ता फोरम से धोनी को मिली राहत

नोएडा । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धौनी को जिला उपभोक्ता फोरम ने राहत दी है। फोरम ने आम्रपाली बिल्डर व धौनी के खिलाफ एक निवेशक द्वारा दायर की गई याचिका का निस्तारण करते हुए सिर्फ आम्रपाली बिल्डर को सेवा में कमी का दोषी माना है। बिल्डर को निवेशक की जमा धनराशि ब्याज समेत वापस करने का आदेश दिया है। बता दें कि सेक्टर-37 नोएडा निवासी जोगेंद्र सिंह ने जिला उपभोक्ता फोरम में आम्रपाली ड्रीम वैली प्राइवेट लिमिटेड और धौनी निवासी हारमो हाउसिंग कालोनी रांची, झारखंड के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि धौनी ने आम्रपाली बिल्डर की आवासीय योजना का विज्ञापन किया था, जिससे प्रभावित हो उन्होंने आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट में टू बीएचके फ्लैट बुक कराया और बिल्डर को दो किस्तों में 11.37 लाख रुपये का भुगतान किया। इसके अलावा बिल्डर को 3.92 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी किया। अगस्त, 2015 में बिल्डर से प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि अभी निर्माण कार्य शुरू नही हुआ है। जोगेंद्र ने फोरम को बताया कि उन्होंने पैतृक घर बेचकर फ्लैट बुक कराया था। फ्लैट के बारे में जानकारी लेने पर बिल्डर ने मूल दस्तावेजों के साथ कार्यालय आकर जमा धनराशि को वापस लेने को कहा, जिस पर उन्होंने धनराशि वापस लेने के लिए आवेदन किया, लेकिन बिल्डर ने पैसा नहीं लौटाया है। याचिकाकर्ता ने धौनी पर झूठा विज्ञापन करने का आरोप लगाते हुए दंडित करने की मांग की थी।

धौनी की तरफ से दाखिल किया गया था जवाब  फोरम की तरफ से बिल्डर और धौनी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया था। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जवाब नहीं दिया तो एक पक्षीय आदेश जारी कर दिया जाएगा। उसके बाद भी बिल्डर ने जवाब दाखिल नहीं किया, जबकि धौनी की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया था। जिसमें कहा गया कि विज्ञापन में ऐसा कुछ भी नहीं था, जिससे बिल्डर के साथ उनके दोषी होने की पुष्टि होती हो। निवेशकों के साथ धोखे का धौनी से कोई संबंध नहीं है।

धौनी को राहत, बिल्डर लौटाएगा पैसे  सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने अपना सुना दिया है। फोरम ने धौनी के खिलाफ वाद को निरस्त कर दिया है। वहीं आम्रपाली बिल्डर को आदेश दिया है कि वह 30 दिन के अंदर जोगेंद्र की जमा धनराशि को 18 फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से वापस करे। मानसिक प्रताड़ना के लिए 25 हजार और वाद व्यय के 5000 रुपये देने होंगे।

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