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यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के परीक्षा का परिणाम 27 जून को किया जाएगा घोषित

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लम्बे लॉकडाउन के बाद भी उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड ने 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के परीक्षा का परिणाम त्वरित गति से तैयार कर लिया है। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम 27 जून को घोषित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने इसकी जानकारी दी है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2020 का परिणाम 27 जून को आएगा। उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बोर्ड परीक्षा की उतर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन लगभग पूरा हो गया है।वर्ष 2020 की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में 56,11072 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। यूपी बोर्ड इस बार हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 51,30481 परीक्षार्थियों का रिजल्ट जारी करेगा। यूपी बोर्ड की परीक्षा 18 फरवरी को प्रारंभ होकर छह मार्च तक चली थी। इनकी कापियों का मूल्यांकन नब्बे प्रतिशत से अधिक हो चुका है। करीब पांच लाख लोगों ने सरकार के नकल रोको अभियान के भय से परक्षा छोड़ दी थी।

      उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि 2020 की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में 56,11072 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे। इसमें हाईस्कूल के 3024632 व इंटरमीडिएट के 2586440 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए। अबकी हाईस्कूल में पंजीकृत परीक्षार्थियों में 1662334 बालक व 1362298 बालिकाएं शामिल हुई हैं। जबकि इंटरमीडिएट में पंजीकृत परीक्षार्थियों में 1464604 बालक व 1121836 बालिकाएं हैं। परीक्षा में 4,80,591 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। इसमें हाईस्कूल के 2,79,656 तथा इंटरमीडिएट में 2,00,935 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा नहीं दी। कापियों का मूल्यांकन 16 मार्च से शुरू हुआ लेकिन, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण 18 मार्च से मूल्यांकन स्थगित कर दिया गया।

      हाईस्कूल की परीक्षाएं 12 कार्यदिवसों में 18 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च को खत्म हुई थीं। वहीं इंटमीडिएट की परीक्षाओं में महज 15 दिन  लगे थे। 16 मार्च से कॉपियों का मूल्यांकन शुरू ही हुआ था लेकिन 18 मार्च को कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसे रोक दिया गया था। उन्होंने कहा कि 2020 की परीक्षाओं में निर्धारित 7784 परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण वेबकॉस्टिंग के माध्यम से किया गया। नकलविहीन परीक्षा और पारदर्शिता बरतने में सरकार सफल रही है। 16 मार्च से मूल्यांकन शुरू हुआ लेकिन कोविड-19 महामारी संक्रमण के कारण मूल्यांकन स्थगित किया गया। लॉक डाउन खुलने पर ग्रीन जोन के 20 जिलों में 5 मई, ऑरेंज जोन में 12 मई और रेड जोन के 19 जिलों में 19 मई से मूल्यांकन शुरू हुआ।डा. शर्मा ने बताया कि 3,09,61,577 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया गया। कुल 281 मूल्यांकन केन्द्र थे और मूल्यांकन केन्द्रों पर कोविड-19 से बचाव समेत सभी उपायों को अपनाते हुए विषयवार परीक्षकों को आमंत्रित कर मूल्यांकन कराया गया। डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर प्रदेश में बनाए गए ग्रीन जोन के जिलों में पांच मई, ऑरेंज जोन के जिलों में 12 मई तथा रेड जोन वाले जिलों में 19 मई से कापियों का मूल्यांकन पुन: प्रारंभ कराया गया। पंजीकृत परीक्षार्थियों के सापेक्ष हाईस्कूल की 1,80,19,863 व इंटर की 1,29,41,714 कापियों का मूल्यांकन करना था। इसके लिए हाईस्कूल में 92,570 तथा इण्टरमीडिएट 54,185 परीक्षकों की नियुक्ति की गयी। प्रदेशभर में 281 मूल्यांकन केंद्र निर्धारित किये गये थे।

      डॉ. शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 की परीक्षाओं में निर्धारित 7784 परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण/पर्यवेक्षण पहली बार जिलास्तर पर स्थापित कंट्रोलरूम से तथा राज्य स्तर पर शिक्षा निदेशालय, लखनऊ में स्थापित कंट्रोल रूम से वेबकास्टिंग के माध्यम से किया गया। इससे परीक्षायें पूर्णतया नकलविहीन हुईं।  बीते वर्ष यानी 2019 में यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में 70.2 तथा हाईस्कूल में 80.7 फीसदी छात्र पास हुए थे।

12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षा नौ से  यूपी बोर्ड ने 12वीं कक्षा की प्रेक्टिकल परीक्षाओं की तारीख भी घोषित कर दी है। यूपी बोर्ड के नोटिफिकेशन अनुसार यह प्रेक्टिकल परीक्षाएं नौ जून 2020 से शुरू हो जाएंगी। दो दिनी यानी नौ व दस जून को होने वाली प्रेक्टिकल परीक्षाओं में इंटर के करीब 20 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होंगे। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद यूपी बोर्ड की प्रेक्टिकल परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था।

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