आकस्मिक बाढ़ व आपदा की रोकथाम को लेकर केंद्रीय गृह सचिव ने ली बैठक
देहरादून। केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सदस्य सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण संजीव कुमार जिंदल, आईटीबीपी, राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), केन्द्रिय जल आयोग, आई0आई0टी0 रूड़की आदि विभागों और एजेन्सियों के साथ चमोली के जोशीमठ में ऋषिगंगा और धौलीगंगा में आकस्मिक बाढ़ व आपदा की रोकथाम के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई। ऑनलाइन जुड़े विभिन्न विभागों और ऐजेन्सियों के वैज्ञानिकों ने वार्ता के दौरान कहा कि प्राकृतिक झील की स्थिति अभी खतरनाक नही है लेकिन धरातल की वास्तविक जानकारी उपरान्त 2-3 दिन बाद ही कोई उचित कदम उठाया जा सकता है तब तक नई जलधारायें बनायी जाय तथा जो बनायी गयी है उनको और गहरा किया जाय ताकि पानी की अधिक मात्रा में निकासी सुनिश्चित हो।
इस दौरान विडियो कान्फेंसिंग के माध्यम से सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव उत्तराखण्ड ओम प्रकाश की उपस्थिति में उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र के निदेशक डॉ0 एम0पी0 बिष्ट ने अपने प्रेजेन्टेशन में अवगत कराया कि उच्च उपगृह से प्राप्त आंकड़ो के आधार पर रौथीधार में मलवा आने से बनी प्राकृतिक झील एवं उसके आसपास आ रहे परिवर्तन जैसे पानी का उतार चढ़ाव, मलबे की ऊंचाई में कमी और नई जलधाराओं का बनना चालू है। जिससे किसी भी तरह के संकट की संभावना नही है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने ऑनलाईन माध्यम से जुड़े सदस्यों को अवगत कराया कि कल 18 फरवरी, के प्रातः उप महानिरीक्षक आईटीबीपी, निदेशक युसैक डॉ0 एम0पी0बिष्ट, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से जी0एस रावत, और एसडीआरएफ मौका मुआयना करके दिन तक उनको वस्तुस्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। तद्नुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु गृह सचिव को अवगत कराया जायेगा।
मुख्य सचिव ने प्राकृतिक झील और उसके आसपास के समूचे क्षेत्र की नियमित निगरानी करने, जरूरी सुधारात्म्क कदम उठाने तथा स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए सचिव आपदा प्रबन्धन उत्तराखण्ड एसडीआरएफ और आईटीबीपी को स्थानीय स्तर पर आईटीबीपी के किसी वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी को टीम का नेतृत्व सौंपने के निर्देश देते हुए कहा कि आईटीबीपी के नियुक्त टीम लीडर के निर्देशों के अनुसार सभी स्थानीय विभाग ओर ऐजेन्सियों कार्य करेंगे, ताकि सभी तरह के कार्यों में एकरूपता और स्पष्टता रहे। मुख्य सचिव ने स्थानीय स्तर पर तैनात टीम को सुरक्षा के सभी मानक को ध्यान में रखते हुए कार्य करने तथा लोकल स्तर पर जरूरी रसद भी बरकरार बनाये रखने के भी निर्देश दिये। इस दौरान सचिवालय सभागार में सचिव आपदा प्रबन्धन एस0ए0मुरूगेशन, उपमहानिरीक्षक आईटीबीपी अर्पणा कुमार, उपमहानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, जीएसआई निदेशक डॉ0 मनोज कायस्था, वाडिया जियोलोजी संस्थान निदेशक डॉ कालाचन्द साई सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।