केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों को हवाई सर्वेक्षण
देहरादून। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। शाह ने करीब दो घंटे तक देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी का सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौजूद रहे। हवाई सर्वेक्षण के बाद अमित शाह जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह पहुंचे, यहां शाह ने अधिकारियों संग बैठक की और उन्हें दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आपदा राहत को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जाएगी। राहत और बचाव कार्य को और तेज गति से अंजाम दिया जा रहा है। जल्द ही उत्तराखंड में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी।
सर्वेक्षण के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आपदा में अब तक 64 लोगों की मौत हुई है। 11 लोग लापता हैं। इन लोगों की तलाश और प्रभावितों को राहत पहुंचाने का काम जोर-शोर से जारी है। हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की ओर से 24 घंटे पहले ही चेतावनी मिलने के चलते उत्तराखंड में आपदा से कम नुकसान हुआ है। अलर्ट के चलते हमने पहले ही तैयारी कर ली थी। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। इस सतर्कता के चलते जनहानि कम हुई। उन्होंने कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने काफी सूझबूझ से काम किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा की स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस तथा दमकल दस्ते समय रहते राहत के काम में जुट गए थे। इससे सरकार 3500 लोगों को रेस्क्यू करने में सफल रही। 16 हजार से अधिक नागरिकों को सरकार ने सुरक्षित भी किया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि नैनीताल, हल्द्वानी और अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से ज्यादा टूट गई थीं। उन्हें ठीक करने में कुछ वक्त लग सकता है। उन्होंने बताया कि सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय टीम नुकसान का आकलन करेगी। आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिए गए हैं। केंद्र सरकार राज्य को पूरी मदद देगी। आपदा प्रभावित स्थानों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंचे। इसके बाद वे राज्य अतिथि गृह में उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस बैठक में भी सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, अनिल बलूनी सहित उत्तराखंड के कई मंत्री मौजूद रहे। अमित शाह ने कहा कि आपदा के पहले दिन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के हालात को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए केंद्र और राज्य के अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। केंद्र सरकार ने आपदा राहत के लिए उत्तराखंड को ढाई सौ करोड़ रुपए की मदद दी है। इसके अलावा राज्य सरकार भी अपने खजाने से आपदा राहत में खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह से उत्तराखंड के साथ है। जल्द ही उत्तराखंड में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जाएंगी। यदि आपदा राहत में और धन की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को हर साल इस तरह की आपदाओं का सामना करना पड़ता है। इसके लिए सरकार हिमालयी क्षेत्रों में तकनीकी विस्तार और आपदा प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में एनडीआरएफ की 17, एसडीआरएफ की 7 टीमें, पीएसी की 15 कम्पनी और पुलिस के 5000 से ज्यादा जवान राहत के काम में लगाए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। वास्तविक नुकसान का आंकलन पूरे सर्वे के बाद हो पाएगा। वैसे डिजास्टर फंड में उत्तराखण्ड को पहले से ही 250 करोड़ रूपए की राशि दी गई है। इससे काम किया जा रहा है।