उद्धव ठाकरे अभी भी खुद को हिन्दुत्व की विचारधारा से जुड़ा होने का कर रहे दावा
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को विधानसभा में एलान किया कि वह हिंदुत्व की विचारधारा को कभी नहीं छोड़ेंगे। उद्धव का यह बयान महाविकास अघाड़ी के घटक कांग्रेस और राकांपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, जिन्होंने शिवसेना के साथ राज्य में गठबंधन सरकार बनाई है। यही नहीं, सरकार चलाने के लिए तीनों दलों के बीच बने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) की भूमिका में ही खासकर ‘सेक्यूलर’ शब्द का उल्लेख किया गया है। विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मैं अभी भी हिंदुत्व की विचारधारा के साथ हूं, इसे मुझसे अलग नहीं किया जा सकता है।’ भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस पर कटाक्ष करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘दिए गए वचन का पालन करना ही मेरे हिंदुत्व का हिस्सा है। जय श्री राम बोलना एवं वचन का पालन न करना हिंदुत्व नहीं है। मैं कल भी अपने हिंदुत्व का पालन करता था, आज भी करता हूं और आगे भी करता रहूंगा।’ शिवसेना प्रमुख का इशारा फड़नवीस के उस बयान की तरफ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ने कभी मुख्यमंत्री पद को साझा करने का वादा नहीं किया था।
कांग्रेस के पटोले निर्विरोध स्पीकर निर्वाचित भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशी का नाम वापस ले लेने के बाद कांग्रेस के नाना पटोले विधानसभा के निर्विरोध अध्यक्ष (स्पीकर) चुन लिए गए। भाजपा की ओर से किशन कठोरे उम्मीदवार थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने आज यह कहते हुए अपने दल का उम्मीदवार वापस ले लिया कि महाराष्ट्र में विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की परंपरा नहीं रही है।
फड़नवीस नेता प्रतिपक्ष बने विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद नाना पटोले ने भाजपा नेता फड़नवीस को नेता प्रतिपक्ष घोषित किया। उन्होंने फड़नवीस पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि जो लोग विपक्ष चाहते ही नहीं थे, उनके साथ उचित न्याय हुआ है कि अब वह स्वयं एक प्रभावी विपक्ष की भूमिका में नजर आएंगे।
उद्धव का फड़नवीस पर कटाक्ष देवेंद्र फड़नवीस के नेता प्रतिपक्ष चुने जाने पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी उन पर कटाक्ष किया। ठाकरे ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा था कि मैं पुन: आऊंगा। लेकिन मैं इस सदन में आ गया। मैं इस सदन और महाराष्ट्र के लोगों को आश्र्वस्त करना चाहता हूं कि मैं कोई निर्णय अर्धरात्रि में नहीं करूंगा।’ बता दें कि ठाकरे का कटाक्ष फड़नवीस के उस चुनावी नारे को लेकर था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं पुन: आऊंगा’।
ठाकरे को फड़नवीस का जवाब फड़नवीस ने भी उद्धव के इस कटाक्ष का जवाब हास्य के अंदाज में दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं पुन: आऊंगा’ यह कहते हुए मैं अपना टाइम टेबल बताना भूल गया था। उन्होंने आगे एक शेर पढ़ा, ‘मेरा पानी उतरते देख किनारे पर घर मत बना लेना, मैं समंदर हूं लौट कर वापस आऊंगा’। फड़नवीस ने यह भी कहा कि पिछले दिनों ठाकरे किसानों की समस्याओं को जानने गए थे, तब उन्होंने किसानों को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की थी। अब जब वो खुद मुख्यमंत्री बन गए हैं तो किसानों को यह मुआवजा दें।
जिम्मेदार नेता कहूंगा मुख्यमंत्री ने कहा कि वह फड़नवीस को नेता प्रतिपक्ष कहकर नहीं बल्कि एक जिम्मेदार नेता कह कर बुलाएंगे। ठाकरे ने कहा, ‘अगर आप हमारे लिए अच्छे होते तो यह सब होता ही नहीं। मैं अपने घर में बैठकर टीवी देख रहा होता और आप यहां होते।’ उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्होंने फड़नवीस से बहुत कुछ सीखा है और वो हमेशा उनके मित्र बने रहेंगे।