उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया
देहरादून। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्माकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने ई-पंचायत सेवा केन्द्र के लाभार्थियों से ई-संवाद भी किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी की प्रयासों से सभी न्याय पंचायतों में ई सेवा का शुभारम्भ किया गया है। इस सेवा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर तक 12 प्रकार की सेवाएं लोगों को आसानी से मिल जायेंगी। कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध होने वाली सभी सेवाएं भी ई-पंचायत सेवा केन्द्र के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगी। आने वाले कुछ माह में ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को ‘अपणि सरकार’ पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा। इस पोर्टल की घोषणा मुख्यमंत्री जी ने गत माह की थी। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि इन सेवाओं को और मजबूती देने के लिए ग्राम सभा स्तर पर ई-सेवा केन्द्रों को विस्तारित किया जायेगा। भारत नेट 2.0 के माध्यम से गांव-गांव तक हाई स्पीड नेट पहुंचाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 02 हजार करोड़ रूपये की धनराशि देने के लिए सहमति प्रदान की है। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की पूर्ण उपलब्धता से इन सेवाओं में और तेजी आयेगी और जन समस्याओं का समाधान भी तेजी से होगा। स्वामित्व योजना के तहत बिना किसी विवाद के हर गांवों में लोगों को उनका अधिकार मिलेगा। इस योजना के लिए भी यह सेवा काफी कारगर साबित होगी।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा तीसरा राज्य है, जहां पर सभी न्याय पंचायतों में ई-पंचायत सेवा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-पचांयत सेवा केन्द्र में और सेवाएं जोड़ी जायेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें डिजिटल माध्यम से घर से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।
इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली श्रीमती स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे एवं केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली से सीएससी के अधिकारी जुड़े थे।