सत्त विकास लक्ष्य पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित
देहरादून। विकासभवन सभागार में सेन्टर फाॅर पब्लिक पाॅलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस उत्तराखण्ड नियोजन विभाग एवं यू0एन0डी0पी0 के तत्वाधान में सत्त विकास लक्ष्यों (एसडीजी गोल्स) के स्थानीरण विषय पर दो दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
संस्था ईएचआई (इन्टरनेशनल इनेबलिंग हेल्थकेयर) के तकनीकी सहयोग से स्थापित कार्यशाला में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ मनोज कुमार पंत, सीपीपीजी उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से सभी जनपद स्तरीय विभागों को सत्त विकास लक्ष्यों के स्थानीकरण विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्देश्यों और जनपद स्तर पर एसडीजी के लक्ष्यों को बेहतर तरीके से हासिल करने के सम्बन्ध में प्रजेन्टेशन दिया गया। डाॅ पंत ने अवगत कराया कि सत्त विकास लक्ष्यों में 17 गोल हैं और 169 टारगेट हैं तथा ये लक्ष्य इन्टिग्रेटेड होने के चलते इसको हासिल करने के तौर-तरीके भी सार्वभौमिक हैं। उन्होंने कहा कि राज्य तथा जनपद स्तर के लिए इन्डिकेटर्स की पहचान भी गयी है तथा सत्त विकास लक्ष्यों को अधिक प्रासंगिक व व्यावहारिक तरीके से प्राप्त करने के लिए जनपद स्तर पर बेहतर प्लान बनाया जाएगा तथा सम्बन्धित विभागों के समूह बनाते हुए कारगर प्लान बनाकर विभागों के व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्वों से लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कौन-कौन से इश्यु सामने आ सकते हैं। विभिन्न विभागों के पास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितने रिसोर्सेज हैं और लक्ष्यों का प्राप्त करने के लिए क्या मैकेनिज्म रहेगा इन सब बातों पर भी कार्यशाला में चर्चा की जाएगी।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर रही मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल ने कहा कि सत्त विकास के सभी गोल का अपना महत्व है और इन लक्ष्यों की सफलता स्थानीय स्तर पर बनाए जाने वाले बेहतर प्लान और उसके कारगर इम्प्लिमैन्टेशन से ही संभव होगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों को अपनी ताकत और कमजोरी को पहचानकर सत्त विकास लक्ष्यों को पूरा करने में निभायी जाने वाली सक्रिय भूमिका से कार्य करना होगा। चूंकि लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करने हैं इसलिए लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों के अपने अनुभव -फीडबैक और अपसी परिचर्चा के बाद निकलने वाले बेहतर आउटकम तथा उसके बेहतर इम्प्लिमेंन्टेशन से प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा बेहतर प्लान बनाने हेतु बनाए गए गु्रप द्वारा की जाने वाली आपसी मंथन से जो आउटकम बाहर आएगा उससे बेहतर प्लान बनाकर और उसको इम्प्लिमेंन्ट करके सत्त विकास लक्ष्यों को बेहतर तरीके से हासिल किया जा सकता है। इस दौरान कार्यशाला में परियोजना निदेशक डीआरडीए विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र शिखर सक्सेना सहित जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कार्मिक उपस्थित थे।