जोगीवाला चैक के व्यापारियों का हो विस्थापनः गौरव
देहरादून। जोगीवाला चैक चैड़ीकरण को लेकर जोगीवाला चैक व्यापार समिति के गौरव कौशल ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2006 में किए गए वादे के अनुसार हमें विस्थापित किया जाए। या फिर आज के समय के मुआवजा दिया जाए । उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में पीडब्ल्यूडी विभाग ने विस्थापन के लिए एक नक्शा जारी किया था जिसमें 6 नंबर पुलिया पर दुकानें आवंटित की जानी थी लेकिन उस मामले को दबाते हुए वर्ष 2006 के रेट पर मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने एसएलओ विभाग में मुआवजा जमा कर दिया गया है लेकिन दुकानदारों ने मुआवजा नहीं लिया है। उनका कहना है कि हमारी मांग विस्थापन की है जिससे कि हमारा रोजगार चल सके। उन्होंने कहा कि राजधानी में जहां भी है अधिग्रहण हुआ है वहां पर लोगों को विस्थापित किया गया है। लेकिन जोगीवाला चैक चैड़ीकरण के चलते हमारे साथ दोहरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हमारी मांगों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें मार्केट रेट पर मुआवजा दिया जाना चाहिए या फिर स्थापित किया जाना चाहिए। हमारा रोजगार किसी भी स्थिति में छिन्ना नहीं चाहिए।
इस मौके पर बोलते हुए जोगीवाला चैक के व्यापारी रमेश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन हमें वर्ष 2006 से अब तक कोई नोटिस नहीं दिया है। 1 माह के अंतराल में ही चैड़ीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है जबकि हमारा पक्ष नहीं सुना गया है उन्होंने कहा कि पहले जितनी स्थान पर निशान लगाया गया था उससे 3 गुना दुकानों को तोड़ा गया है जबकि जो स्थान ज्यादा तोड़ा गया है उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इस मौके पर व्यापारी सुंदर सिंह नेगी ने कहा कि हमें रोजगार दिया जाए ना के रोजगार छिना है।