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यह समय ग्लोबल साॅलिडारिटी काः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी का जीवन ही उनका संदेश है। तीर्थंकर महावीर स्वामी जी ने अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताया। अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य आदि के महत्व बताते हुये उन्होंने अपने उपदेशों और प्रवचनों के माध्यम से दुनिया को राह दिखाई व मार्गदर्शन किया तथा ’जिओ और जीने दो’ का अद्भुत संदेश पूरे विश्व को दिया। अब समय आ गया – ‘जिओ और जीवन दो’ ‘केवल अपने लिये मत जिओ बल्कि सब को जीवन दो’ यह भी बहुत जरूरी हैैै आज कोरोना काल में इसी की आवश्यकता है।
स्वामी जी ने भूतपूर्व मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 102 वीं जयंती पर भावभीनी ऋद्धाजंलि अर्पित करते हुये कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में अद्भुत कार्य किया। देश की आजादी के पश्चात भी श्री बहुगुणा जी स्वराज, सामाजिक न्याय, सद्भाव और राष्ट्रीय गरिमा और गौरव के लिये जीवन पर्यंत कार्य करते रहे।
आज विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि विगत वर्ष की रिपोर्ट और अपडेट के अनुसार भारत में मलेरिया की रोकथाम, निदान, उपचार, उन्मूलन पर अंकुश लगाने के प्रयास किये गये और उसमें काफी हद तक सफल भी हुये।
रिपोर्ट के अनुसार भारत में मलेरिया उन्मूलन के प्रयास वर्ष 2015 में शुरू हुए थे और वर्ष 2016 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नेशनल फ्रेमवर्क फॉर मलेरिया एलिमिनेशन की शुरुआत के बाद इनमें और अधिक तेजी आई। रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि भारत ने मलेरिया के मामलों में कमी लाने के काम में प्रभावी प्रगति की है और भारत एकमात्र उच्च स्थानिक देश है जिसने वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 17.6 की गिरावट दर्ज की है। भारत ने मलेरिया के क्षेत्रवार मामलों में सबसे बडी गिरावट लाने में भी योगदान किया है।
स्वामी जी ने कहा कि एक समय था जब भारत जैसे भारी जनसंख्या दबाव वाले देश में मलेरिया उन्मूलन एक बड़ी समस्या लगती थी परन्तु विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार और जन जागरूकता की समन्वित शक्ति ने इसे कर दिखाया। आज भारत सहित पूरे विश्व के सामने कोरोना वायरस एक बड़ी महामारी है। इस महामारी पर भी हम सभी मिलकर धैर्य के साथ आगे बढ़े तो विजय प्राप्त कर सकते है। वास्तव में यह समय अत्यंत कठिन हैय हम में से बहुत सारे लोगों ने अपनों को खोया है परन्तु संयम और धैर्य बना कर रखे तो यह कठिन समय भी पार हो जायेगा। यह समय ग्लोबल साॅलिडारिटी का है आईये मिलकर रहें और आगे बढ़े। स्वामी जी ने कोरोना वाॅरियर्स को धन्यवाद देते हुये कहा कि विगत एक वर्ष से अधिक समय हो गया है हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स ने दूसरों की सेवा में अपना जीवन खपा दिया है ताकि हमारा समाज और देश स्वस्थ रहें इसके लिये सभी को साधुवाद।

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