ए.एफ.एस सदस्य विद्यालयों की तृतीय राष्ट्रीय बैठक देहरादून में संपन्न
देहरादून। सेलाकुई इंटरनेशनल स्कूल ने 25 से 27 मार्च तक पूरे उत्तर भारत के 35 विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/प्रधानाचार्यों
अपनी गतिशील कार्यसूची के साथ कार्यक्रम में डॉ. जगप्रीत सिंह (दून स्कूल के प्रधानाध्यापक) डॉ. संजीव चोपड़ा (सेवानिवृत्त आईएएस), जोसेफ कूक (राष्ट्रीय निदेशक अंतरिम-एएफएस) जैसे प्रख्यात वक्ताओं द्वारा आकर्षक और उत्साही सत्र सम्मिलित थे, जिन्होंने सम्मानित सभा से अपील की कि वे वैश्विक नागरिकता और अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा का संज्ञान लेते हुए विद्यालयी पाठ्यक्रम और शैक्षणिक गतिविधियों के मूलभूत स्तंभ में से एक स्वरुप पर अंतर-विचार कर उसे प्रज्वलित करें। ए.एफ.एस विद्यालय कोर कमेटी के संरक्षक और सलाहकार डॉ. सुमेर सिंह और जयंत हरि हर लाल के आशीर्वाद और कुशल मार्गदर्शन रुपी कार्यक्रम ने विद्यालयों को उनके समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण सगाई कार्यक्रमों को देखने के लिए स्कूलों से अपील भी की। श्री लाल ने अपने संबोधन में ए.एफ.एस सदस्यों से अपने संसाधनों और समझ को अपने सहयोगी स्कूलों के साथ साझा करने और ए.एफ.एस के आदर्श वाक्य को अपने संबंधित स्कूलों में वास्तविक रूप में अपनाने का आग्रह किया। इस कार्यक्रम में ‘वैली ऑफ वर्ड्स’ से परिचय हुआ, जो पढ़ने की कला और संस्कृति को विकसित करने की दिशा में कार्य करने वाली संस्था है। 27 मार्च को दूसरे दिन चारों जोन (क्षेत्र) के सदस्यों ने अपनी पंचवर्षीय योजनाओं को केंद्रीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया और बेहतर भविष्य के साथ बेहतर समाज के लिए काम करते रहने का संकल्प लिया। समापन सत्र में दूसरे दिन, विद्यालय के अध्यक्ष, ओम पाठक ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सामाजिक कल्याण के विचार को साझा किया और बताया कि यह कैसे हमारी आबादी के बड़े हिस्से की मदद करने के लिए किया जा सकता है जो अपनी बुनियादी जरूरतों से वंचित हैं। उन्होंने ए.एफ.एस विद्यालयों से अपने भविष्य के प्रयासों में एन.ई.पी को एकीकृत करने का भी आग्रह किया। धन्यवाद प्रस्ताव मुकुल सिंह गौतम द्वारा प्रस्तुत किया गया जिन्होंने सभी सेलाकुई संकायों, महक सिंह (बर्सर), लियोनेट (वरिष्ठ मास्टर, पैस्टोरल) और डॉ सुनील राय (वरिष्ठ मास्टर अकादमिक) के प्रयासों को रिकॉर्ड किया। कार्यक्रम का समापन सत्र सभी प्रतिभागी टीमों के लिए बहुत सारी अच्छी यादों के साथ संपन्न हुआ।